चंडीगढ़। दिल्ली के आसपास चल रहे किसान आंदोलन के क्रम में 26 मई को किसान संगठनों द्वारा काला दिवस मनाया जाएगा।  किसान आंदोलन के साथ-साथ किसानों ने अब कोरोना से किसानों व अन्य लोगों को बचाने के लिए भी एक अभियान छेड़ने का फैसला किया है। आज चंडीगढ़ के किसान भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय किसान यूनियन ( एकता उग्राहां ) के अध्यक्ष जोगिंद्र जुगेंद्र सिंह उगराहां ने बताया के टीकरी बॉर्डर में ऑक्सीजन सिलेंडर और बेड वाला अस्थायी हस्पताल, डॉक्टर, दवाएं, सैनिटाइजर इत्यादि के प्रबंध भी किए जा रहे हैं।  
चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता ने बताया कि तीन कृषि अधिनियमों  के खिलाफ आंदोलन को तेज किया जाएगा। इसी के तहत 26 मई को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पूरे देश में काला दिवस मनाया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में किसान, मजदूर के अतिरिक्त कर्मचारी और छात्र वर्ग भी शामिल किए जाएं, इसके प्रयास किए जा रहे हैं।  संगठन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने बताया कि  निजी अस्पतालों को सरकारी नियंत्रण में लिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने हस्पतालों में  मेडिकल स्टाफ की भर्ती भी करने की मांग की और कोरोना टीका  सभी लोगों को निशुल्क उपलब्ध करवाने की मांग की।
किसान नेताओं ने ऐसा भी कहा कि कोरोना टीकाकरण जबरदस्ती न किया जाए  बल्कि उसके बारे में सब को बताया जाए। किसान नेताओं ने बताया कि 26 मई को होने वाले आंदोलन के मद्देनजर ही 23 मई को किसानों के काफिले दिल्ली मोर्चे में जाने के लिए तैयार हो जाएंगे। कोरोना के चलते किसान इसके नियमों का पालन कर सकें, इसके लिए टेंट और पंडाल का भी अधिक प्रबंध किया जाएगा।  किसान नेताओं ने यह भी बताया के कोरोना संबंधी मांगों को तत्काल लागू करवाने के लिए 28, 29 और 30 मई को पटियाला में दिन -रात का प्रांतीय स्तर का धरना लगाया जायेगा।

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