सहारनपुर।कोरोना की विभीषिका का अंदाजा इससे हो जाता है कि अकेले उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ही 12 बच्चों के सिर से उनके मां-बाप का सहारा छिन गया और 153 बच्चों में से किसी ने मां को तो किसी ने पिता को खो दिया।

जिले में एक साल में 350 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। यह अधिकारिक संख्या है। इसके अलावा भी कुछ लोग ऐसे  और हो सकते है जो बेसहारा हो गए है।
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने शनिवार को कहा कि सरकार के निर्देश पर ऐसे बच्चों की जानकारी इकट्ठा की गई है जो एक वर्ष में कोरोना की मार से अनाथ हो गए है। राज्य सरकार इन बच्चों को कानूनी रूप से गोद देने समेत उनके पुर्नवास, भरण पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य और भावात्मक सहारा उपलब्ध कराएगी।
बेसहारा बच्चों की जानकारी लेने के लिए जिलाधिकारी अखिलेश सिंह की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया। जिला प्रोबेशन अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह के मुताबिक विभिन्न स्त्रोतों से अभी तक कोरोना संक्रमण से जीवन गंवाने वाले 350 लोगों की छानबीन की गई। यह सूचना शीघ्र ही शासन को भेजी जाएगी। यह भी पता लगाया कि कोरोना की मार से आर्थिक रूप से टूट गए परिवारों का क्या हाल है ? फिलहाल ऐसे बच्चों की देखरेख उनके करीबी रिश्तेदार कर रहे है। लेकिन लंबे समय तक उनको आसरा देने के लिए राज्य सरकार सामने आई है। मानसिक रूप से कमजोर परिवारों और बच्चों को भावात्मक सहारा भी दिया जाएगा।

जरूरी सूचना :- कोविड महामारी से बचने के लिये सोशल डिस्टेंस व मास्क को पहनना न भूलें ।
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