मुजफ्फरनगर, 6 अप्रैल 2021। जनपद में मंगलवार को शून्य से पांच वर्ष तक की आयु के उन बच्चों की पहचान की गयी जिनको सुपोषण की जरूरत है। इसके लिए सभी 2274 आंगनबाड़ी केंद्रों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वजन दिवस का आयोजन किया गया। साथ ही बच्चों को साबुन से हाथ धोने, साफ कपड़े पहनने, केन्द्र के आसपास सफाई रखने, स्वच्छ जीवन जीने, बीमारियों से मुक्ति पाने आदि की जानकारी दी गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने बताया मंगलवार को जनपद के 2274 आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन दिवस मनाया गया। इस दौरान बच्चों का वजन और लंबाई नापी गयी और इसके महत्त्व के विषय अभिभावकों को जानकारी दी गयी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने वजन करने के बाद सुपोषण के लिए बच्चों को पोषक आहार देने के विषय में अभिभावकों को जानकारी दी। सुपोषण के लिए बच्चों को नियमित पोषाहार देने की सलाह दी गयी। साथ ही अति कुपोषित बच्चों को जिले के पोषण पुनर्वास केंद्र में संदर्भन के विषय में भी अभिभावकों को जागरूक किया गया।
उम्र के अनुसार सही वजन है जरूरी
उम्र के हिसाब से बच्चे का वजन कम या ज्यादा है तो उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। सही वजन बच्चों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ कई बीमारियों से भी दूर रखता है। इसलिए उम्र के मुताबिक सही वजन की जानकारी होना बेहद आवश्यक है। जन्म के समय जिन बच्चों का वजन दो किलोग्राम से कम रहता है उन बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसकी वजह से संक्रमण तेजी से फैलता है एवं कई प्रकार के रोगों से बच्चे को खतरा बना रहता है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दें रहीं जानकारी
पोषाहार से निर्मित होने वाले विविध प्रकार के पौष्टिक व्यंजनों की जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्टाहार वितरण के दिन लाभार्थियों को पुष्टाहार की मात्रा एवं उसके उपयोग तथा पुष्टाहार से निर्मित होने वाले विविध प्रकार के पौष्टिक व्यंजनों को बनाने की विधि की जानकारी उपलब्ध करवा रहीं हैं। ताकि बच्चों को सुपोषित किया सके।
15 दिन में वजन लेना जरूरी
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा अति कुपोषित बच्चों का 15 दिन में एक बार वजन अवश्य लिया जा रहा है, जिससे उनके पोषण स्तर में परिवर्तन की मॉनिटरिंग की जा सके। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पुष्टाहार वितरण के साथ अति कुपोषित बच्चों के लिए पोषण स्तर के अनुसार परामर्श दिया जा रहा है।

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