मेरठ। कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने आईजीआरएस की शिकायतों के निस्तारण को लेकर मंडल के विभिन्न जिलों के अधिकारियों को चेतावनी दी है। उन्होंने समीक्षा में पाया कि मेरठ और बुलंदशहर की स्थिति असंतोषजनक है। वहीं गौमबुद्धनगर और हापुड़ जिला फिसड्डी है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता की शिकायतों के फर्जी निस्तारण के मामले में अधिकारियों को दंडित किया जाएगा।
कमिश्नर ने गुरुवार को वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग से मेरठ मंडल के सभी एडीएम/नोडल अधिकारी आईजीआरएस के साथ बैठक की। उन्होंने कहा शासन की प्राथमिकता में आइजीआरएस पोर्टल एवं मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त जनशिकायत/प्रार्थना पत्र शामिल हैं। उन्होंने पाया कि मेरठ जिले में आइजीआरएस के 300 मामले डिफाल्टर हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय के आठ डिफाल्टर, पीजी पोर्टल के 33 डिफॉल्टर और मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता के लिए प्राप्त कुल 127 आवेदन डिफाल्टर श्रेणी में पाए गए। इस पर गहरी नाराजगी जताई। साथ ही कमिश्नर स्तर के जनसुनवाई के 38 प्रकरण डीएम स्तर पर लंबित पाए गए। अगले तीन-चार दिनों में सभी डिफाल्टर संदर्भ का निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त संदर्भों में भी मेरठ जिले का निस्तारण संतोषजनक नहीं पाया गया। अब प्रत्येक 15 दिनों पर कमिश्नर के स्तर पर समीक्षा की जाएगी। गत माह प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में मेरठ को 44वां स्थान प्राप्त हुआ, जिसमें सुधार लाने के निर्देश दिए गए। गाजियाबाद एवं बागपत को संयुक्त रूप से प्रथम स्थान, बुलंदशहर को 34वां स्थान, गौतमबुद्धनगर एवं हापुड़ को संयुक्त रूप से 62वां स्थान मिला है।


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