संविधान निर्माता डाअम्बेडकर जंयती पर निकाली गयी विशाल शोभा यात्रा
मेरठ। संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेबडा भीम राव अम्बेडकर के जन्म दिवस पर शहर में भव्य एवं विशाला शोभा यात्रा निकाली गयी। डा अम्बेडकर जन्मोत्सव समारोह समिति मेरठ के तत्वावधान में भैंसाली मैदान से प्रांरभ होकर तहसील चौराहा, जली कोठी, प्यारे अस्पताल , घंटाघर, रेलवे रोड चौराहा, बागपत अडडा, देहली गेट, भूमिया का पुल, हापुड अडडा, ईव्ज चौराहा, एनएएस कालेज होते हुए कचहरी स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर समाप्त हुई।
कोविड-19 व शासन प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मास्क व सैनीटाईजर आदि की समुचित व्यवस्था की गयी। शोभा यात्रा में मुख्य रूप से रथ ,झाकियां, बैंड, ताशे, शहनाई बग्ध्यिां आदि सम्मिलित रही। कोरोना को देखते हुए इस बार शोभा यात्रा को संशोधित किया गया। शोभा यात्रा का उदघाटन पूर्व प्रशासनिक अधिकारी गौतम सिंह ने किया। संचालन चेतन्य देव स्वामी ने किया। सर्वप्रथ बौद्ध भिक्षु ज्ञान ज्योति ने बुद्ध वंदना करायी। अतिथियों ने डा अम्बडेकर की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की। सांसद राजेन्द्र ने कहा कि बाबा साहेब आज के शिव है। जिन्होंने जहर पिया अपमान सहा परन्तु समाज को बचाया। सामाजिक व्यवस्था के कारण होनहार धात्र अम्बेडकर को कक्षा में सबसे पीछे बैठना पडता था। उनका सम्पूर्ण जीवन प्रेरणा दायी है। उन्होने देश को सर्वापरी माना। सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे। महिलाओं के उत्थान के लिये कानून बनाये। डा अम्बेडकर जन्मोत्सव समोराह समिति के संयोजक डा चरण सिंह लिसाडी नेकहा कि डा अम्बेडकर राष्ट्र की एकता व अखंडता के प्रबल समर्थक थे। डा अम्बेडकर कहते थे कि मै पहले भारतीय हूॅ और अन्तत: भारतीय हू। डा अम्बेडकर ने वंचितों व महिलाओं के उद्वार हेतू अपना सम्पूर्ण जीवन लगा दिया। सैन्य फार्म के पूर्व निदेशक चरण सिंह कहा कि डा अम्बेडकर को सिम्बल ऑफ नालेज की उपाधि से सम्मान देने का कार्य अमेरिका ने किया। वे महान अर्थशास्त्री, लेखक, पत्रकार, दार्शनिक चिंतन होने के साथ समाज की पीड़ा को महसूस करते थे। इस मौके पर मनीष जाटव, लेखराज सिंह, पवन चित्तोैड, संगीता राहुल, महेन्द्र भारती, हरिकिशन अम्बेडकर, चन्द्रभान जाटव आदि मौजूद रहे।
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