धरने पर बैठी नर्स ने सनसनीखेज आरोप

 

मेरठ। Corona  की दूसरी लहर के चलते जिले में कोहराम मचा हुआ है। स्वास्थ्य सेवाए पूरी तरह चरमरा गयी है। आलम यह है कि अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे है। ऐसे हालात में मेडिकल में संविदा पर तैनात 183  Nurse ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मेडिकल में धरने पर बैठी कुछ नर्सो ने  प्रबंधन पर मरीजों की मौत के आंकडे छिपाने के आरोप तक लगा डाले।
 बता दें मेडिकल कालेज में एक प्राइवेट एंजेंसी के माध्यम से 183 नर्सा को  संविदा पर रखा गया था। नर्सो के अनुसार  पिछले पांच साल से 20 हजार रूप प्रति माह के अनुसार अपनी सेवाए दे रही थी। लेकिन अचानक उनकी संविदा को समाप्त कर दिया गया है।  उनके वेतन केा घटा कर कम कर दिया गया । जिसके विरोध में मेडिकल कालेज की नर्से मेडिकल कालेज में धरना दे रही है। मंगलवार को कालेज में धरने  देते हुए कुछ नर्सो ने मेडिकल कालेज प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए ।नर्सो का आरोप है कि मेडिकल कालेज के अधिकारी मनमानी करने पर उतारू है। जिसके चलते उन्हें काम पर वापस नहीं लिया जा रहा है। उधर स्टाफ की कमी के कारण कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों की देखभाल नहीं हो पा रही है और मरीज अस्पताल मे तडप -तडप कर दम तोड रहे है। नर्सो का आरोप है कि मेडिकल कालेज प्रबंधन मरीजों की मौत के आंकडे भी छिपा रहे है। धरने पर बैठी नर्सो का कहना है कि यह अपने नहीं बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखने के लिये  डयूटी चाहती है। मंगर इसके बावजूद उनकी कोई सुनवाइ्र नहीं हो रही है।

      वहीं मेडिकल कालेज के प्रचार्या डा ज्ञानेन्द्र कुमार का कहना है कि मेडिकल कालेज  को सेवा देने वाली प्राइवेट एंजेसी का कान्टेक्ट समाप्त हो गया था। जिसके बाद अब नयी एंजेसी से कान्टेक्ट किया गया है। शासन द्वारा निर्धारित रकम ही नर्सो को वेतन के रूप ही दी जा रही है। उन्होंने लगाये गये आरोप का खंडन किया है।

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