मेरठ। टर्म लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम 1 अप्रैल के आसपास बढ़ने वाले थे। ऐसा लगता है कि रीइंस्योरेंस कंपनियों के कॉन्ट्रैक्ट के रिन्यूअल में और कुछ बीमाकर्ताओं के लिए नए प्रोडक्ट्स की मंज़ूरी में देरी की वज़ह से लगभग 15 दिनों तक की देरी हो रही है। इस कारण से 15 से 30 अप्रैल के बीच कभी भी टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ जाएगा।बीमा कंपनी टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम की दरें अपने ग्राहकों की विभिन्न उम्र में मृत्यु होने,मृत्यु दर की संभावना के आधार पर तय करती है। पश्चिमी देशों में बीमा कंपनियों द्वारा ऐसा असल डेटा के आधार पर किया जाता है जबकि भारत में यह मृत्यु दर के अनुमान के आधार पर किया जाता है। एक बीमा कंपनी आम तौर पर उनके पॉलिसीधारकों द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम के माध्यम से ढेर सारा फंड इक_ा करने के प्रस्ताव पर काम करती है। इक_ा हुए इस धन से, वे हर साल मरने वालेए प्रभावित पॉलिसीधारकों के बीमा के दावें अदा करती हैं। इस तरह, जीवन बीमा के प्रस्ताव में एक समूह किसी व्यक्ति के नुकसान में अपना सहयोग करता है।और इस फंड का एक बड़ा हिस्सा रीइंश्योर, की बीमा कंपनियों द्वारा रीइंश्योर किया जाता है। इसलिए दोबारा बीमा करने वालों के एग्रीमेंट का नवीनीकरण करना या दोबारा मोलभाव करना प्रीमियम को प्रभावित करता है।
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