मंडप एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल मंडलायुक्त से मिला


मेरठ । कोरोना संक्रमण को कम करने के लिये गुरूवार की रात से लगाए नाईट कर्फ्य को लेकर शुक्रवार को मंडप एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मंडल महामंत्री विपुल सिंघल की अुगवाई में मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह से मिला।
 महामंत्री विपुल सिंहल ने कहा कोरोना महामारी ने मार्च 2020 से पूरे विश्व में अपने पैर पसारे हुए हैं। कोरोना महामारी को रोकने के लिए चिकित्सक सेवाएं बढ़ाने हेतु देश के प्रधानमंत्री द्वारा लॉक डाउन की घोषणा की गई थी। पिछले 1 वर्ष में देश के सभी प्रदेशों के प्रत्येक जिले में चिकित्सक सेवाएं काफी बढ़ाई गई है। बहुत बड़ी मात्रा में अस्पतालों को कोविड.19 अस्पताल के रूप में तब्दील कर दिया गया था। जैसे.जैसे कोरोना महामारी का प्रकोप  कम होने लगा यह कोविड अस्पताल खाली होने लगे। पिछले 1 माह से निरंतर बढ़ती कोरोना संक्रमितों की संख्या को रोकने हेतु अलग.अलग जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगाए जाने लगाए जिसको देखते हुए मेरठ में भी कल 9 अप्रैल से रात्रि कर्फ्यू की घोषणा मेरठ प्रशासन द्वारा की गई।
उन्होंने कहा मंडप का कार्य साल में मात्र 30 से 50 दिन होता है। रात्रि कर्फ्यू लगाने से यह व्यवसाय पिछले 1 साल से चौपट चल रहा है । काम न होने के कारण मंडप व्यवसायी आत्महत्या करने को मजबूर है, अभी हाल ही में  टेंट व्यवसाई संदीप आनंद के परिवार ने आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या का प्रयास किया, जिसमें उनकी पत्नी की जान चली गई और बाकी पिता.पुत्र अभी भी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
मंडप व्यवसाइयों ने बहुत से चिकित्सकों के साथ शहर के ही नहीं देश के अलग.अलग हिस्सों में लोगों से वार्ता की और जानने की कोशिश करी कि किस प्रकार रात के कर्फ्यू से कोरोना महामारी से बचाव किया जा सकता है। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए रात्री कर्फ्यू से कोई लाभ हो सकता है या नहीं इसका कोई शोध नहीं है। इसलिए रात्री कर्फ्यू से सामाजिक नुकसान ज्यादा हें और लाभ न के बराबर। रात्री कर्फ्यू से रात्री में आने जाने वाले राहगीर, ट्रांसपोर्ट सेवाओंए चिकित्सा सेवाओं को भी उत्पीड़न सहना पड़ता है। उन्होंने कहा उनका मानना है कि दिन में भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने को लेकर सैनिटाइजर के प्रयोग के लिए तथा सोशल डिस्टेंसिंग जागरूक करने के लिए जिस प्रकार भी दंडनीय अथवा कोई और कार्यवाही की जा सके वह करनी आवश्यक है , ताकि लोग इनका प्रयोग करना शुरू करें। शहर की 80 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या रात को 10 बजे के बाद अपने घरों पर जाकर सो जाती है। होटल मंडप तथा रात में चलने वाली चाय की दुकान कुछ पंचर वाले कुछ विशेष लोग रह जाते हैं जो रात्रि में लोगों की जरूरत अनुसार अपना कार्य करते हैं। रात्रि कर्फ्यू के कारण मंडप तथा टेंट व्यवसाय बंदी के कगार पर पहुंच जाता है, जिस कारण इनमें काम करने वाले वेटर, सफाई कर्मी, इस व्यवसाय के साथ जुड़े बैंड वाले, शहनाई वाले, खाना बनाने के कारीगर, बर्तन धोने वाले मसालची सभी भूखमरी के कगार पर पहुंच जाएगे।  कोरोना महामारी से बचने के लिए इन व्यवसायियों को परेशान करना इनका व्यवसाय बंद कराना न्याय पूर्ण नहीं लगता है । मंडलायुक्त ने टैंट एसो. के पदाधिकारियेां केा इसका समाधान निकालने की आवश्वासन दिया।

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