सरस्वती मेडिकल कॉलेज के छात्रों का संवेदीकरण किया
- टीबी सांस के जरिए फैलती है, मरीज घर में भी मॉस्क लगाएं
हापुड़, 04 मार्च, 2021। सभी सरकारी और निजी चिकित्सक ओपीडी में आने वाले मरीजों की टीबी स्क्रीनिंग करते रहने को अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए ऐसे मरीजों की टीबी जांच अवश्य कराएं जिनमें टीबी से मिलते-जुलते लक्षण प्रदर्शित हो रहे हों। टीबी के लक्षणों और उसके उपचार के बारे में घर-घर तक जानकारी पहुंचाई जाए। तभी 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाया जा सकेगा। यह बातें जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश सिंह ने कहीं। डा. सिंह बृहस्पतिवार को सरस्वती मेडिकल कॉलेज में छात्रों के संवेदीकरण के लिए आयोजित किए गए सीएमई कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
बता दें कि जिला क्षय रोग विभाग स्वास्थ्य से जुड़े संस्थानों में लगातार जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस के अवसर पर टीबी के प्रति जागरूकता के लिए बड़े कार्यक्रम का आयोजन करेगा। सरस्वती मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश सिंह ने बताया दो सप्ताह तक खांसी बनी रहने पर टीबी की जांच अवश्य कराई जानी चाहिए। जनपद में स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी की जांच और उपचार की निशुल्क सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही उन्होंने मरीजों के नोटिफिकेशन पर भी जोर दिया। मेडिकल के छात्रों को उन्होंने निक्षय पोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि नोटिफिकेशन कराए बिना किसी टीबी मरीज का उपचार करना गैर कानूनी है।
टीबी संवेदीकरण कार्यशाला में सरस्वती मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डा. आरसी पुरोहित, पल्मोनोलॉजी के विभागाध्यक्ष डा. सिद्घार्थ, डा. जीनेश नागर और डा. सौरभ गोयल ने भी प्रतिभाग किया। कार्यशाला में क्षय रोग विभाग जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी, दानिश अली एवं ललित कुमार आदि उपस्थित रहे। डा. सिद्धार्थ ने अपने संबोधन में कहा कि टीबी की बीमारी लगातार उपचार के बाद पूरी तरह ठीक की जा सकती है। टीबी से डरें नहीं। टीबी के लक्षणों के बारे में जानें और मिलते जुलते लक्षण आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से सलाह लें।
टीबी को छिपाएं नहीं, अन्य बीमारियों की ही तरह जितनी जल्दी उपचार शुरू होगा, नतीजे उतने ही बेहतर आएंगे। ध्यान रहे टीबी की दवा बीच में न छोड़ें। कई बार थोड़ा आराम आने पर लोग दवा खाना छोड़ देते हैं, यह खतरनाक हो सकता है। ध्यान रहे टीबी की बीमारी सांस के जरिए फैलती है, इसलिए टीबी मरीज घर में भी मॉस्क लगाकर रहें। बेहतर हो कि अलग कमरे में रहें और अपने परिवार को इस बीमारी की चपेट में आने से बचाएं।
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