दो चकबंदी अधिकारी, लेखपाल निलंबित

मेरठ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ डीएम के. बालाजी की रिपोर्ट के आधार पर ही मेरठ के चकबंदी अधिकारी (बंदोबस्त) राकेश कुमार, चकबंदी अधिकारी प्रभाकर और चकबंदी लेखपाल संजीव चौहान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है। इन तीनों पर मवाना क्षेत्र के बिसौला गांव की ग्राम सभा की करीब 30.790 हेक्टेयर जमीन को बंजर भूमि बताकर करोड़ों रुपये के अनियमितता का आरोप है। मुख्यमंत्री के आदेश पर अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने डीएम को तीनों पर मुकदमा दर्ज कराने को कहा है।
शिकायतकर्ता मुनव्वर करीब 14 महीने से फाइलों का पुलिंदा लेकर तहसील दिवस, कलक्ट्रेट तक चक्कर काट रहे थे। बाद में डीएम ने एडीएम प्रशासन मदन सिंह गर्ब्याल, एसडीएम सदर संदीप भागिया की दो सदस्यीय समिति को जांच सौंपी। जांच में दोनों अधिकारियों ने पाया कि चकबंदी अधिकारी राकेश कुमार, प्रभाकर ने नियम विरुद्ध जाकर काम किया। आदेश से पूर्व दोनों ने ग्राम सभा को पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर भी नहीं दिया। विवादित भूमि के आदेश किये। आदेश पारित करने में गंभीर अनियमितता की गई। चकबंदी अधिकारी के आदेश से विवादित भूमि के बैनामे हो गए इससे ग्राम सभा को बड़ी क्षति हुई। इसके साथ ही चकबंदी लेखपाल संजीव चौहान ने बिना विभागीय अनुमति प्राप्त किए ही जमीन की खरीद की जो गंभीर अनियमितता है। चकबंदी अधिकारी (बंदोबस्त) राकेश कुमार के खिलाफ विभागीय जांच मेरठ कमिश्नर करेंगे। वहीं, चकबंदी अधिकारी प्रभाकर, चकबंदी लेखपाल संजीव चौहान की विभागीय जांच चकबंदी आयुक्त स्तर से होगी।
अब अपर मुख्य सचिव ने तीनों को निलंबित करते हुए डीएम को मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए। डीएम ने तीनों के खिलाफ तीन फरवरी 2021 को कार्रवाई की शासन से सिफारिश की थी।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts