सदमें पहुंच रहे अस्पतालों की ओर


मेरठ।   त्रीस्तरीय पंचायत चुनाव होने से पूर्व दावेदार पर आरक्षण सूची गहरी चोट पहुुचायी है। नयी आरक्षण सूची देख कई दावेदार सदमे में चले गए हैं। क्योंकि उन्हें इस बार गांव की सरकार की कमान अपने हाथ में आने की पूरी उम्मीद थी। इसी उम्मीद के सहारे कोरोना काल में दावेदारों ने मतदाता को अपने पक्ष में करने और चुनावी माहौल बनाने के लिए लोगों की तन, मन और धन से खूब सेवा की। लेकिन आरक्षण सूची ने तमाम दावेदारों के सपनों पर पानी फेर दिया। ऐसे में कई लोगों का रक्तचाप, शुगर काफी बढ़ गया। जबकि कई को बुखार आ गया है। इसके अलावा तमाम लोग ऐसे भी हैं, जो दो रात से सो ही नहीं पाए। सीडीओ कार्यालय पहुंचे कई दावेदारों ने बताया कि वह अस्पताल से दवा लेकर यहां आए हैं।
 दो दिन मे ८० से अधिक आपत्तियां
आरक्षण बदलवाने के लिए पहले दिन जनपद के सभी 12 ब्लाक,सीडीओ कार्यालय, डीपीआरओ कार्यालय पर ८० से अधिक आपत्तियां प्राप्त की गईं। आपत्ति दर्ज करने वालों में सबसे अधिक ग्राम प्रधान पद का आरक्षण बदलवाने की मांग की गई। जबकि जिला पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य के लिए कोई आपत्ति आयी है।
ऐसे हुआ वर्गा का आरक्षण
त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की व्यवस्था में सभी वर्गो की जनसंख्या का अवलोकन किया गया। जिसके बाद एससी के लिए 20.69 फीसद, ओबीसी के लिए 27 फीसद और महिलाओं के लिए 33 फीसद सीटें सभी वगरे में आरक्षित की गई हैं। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति के लिए 0.56 सीटें आरक्षित हैं। लेकिन मेरठ में जनसंख्या न के बराबर होने के कारण कोई सीट आरक्षित नहीं हुई है। पंचायत चुनाव में कुल आरक्षण 81.25 फीसद हो गया है। इसके बाद बची सीट 18.75 फीसद सीटें सामान्य के लिए हैं।

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