हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत होती है मुफ्त जांच
उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं का रखा जाता है खास ख्याल
बुलंदशहर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने का हरसंभव प्रयास जारी है। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती की प्रसव पूर्व जाँच कराई जाती हैं। जांच के दौरान ही उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की पहचान हो जाती है। ऐसी गर्भवती का प्रसवकाल में विशेष ध्यान रखा जाता है।
अनूपशहर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. रमाकांत का कहना है- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत हर महीने की नौ तारीख को जिला चिकित्सालयों एवं ब्लाक स्तरीय चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किया जाता है। इसमें गर्भवती का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। हीमोग्लोबिन, शुगर, एचआईवी, ब्लड प्रेशर समेत तमाम जांच निःशुल्क की जाती हैं। जांच के आधार पर उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की पहचान की जाती है। ऐसी गर्भवती को चिन्हित कर प्रसव के लिए उच्च स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए रेफर किया जाता है। उन्होंने बताया हर स्वास्थ्य केन्द्र पर गर्भवती के पंजीकरण का प्रावधान है। कई बार महिलाएं पंजीकरण तो करा लेती हैं लेकिन जांच के लिए केन्द्र पर नहीं आती हैं, सीधे प्रसव के समय उनके परिजन उन्हें स्वास्थ्य केन्द्र ले आते हैं। पूर्व की बिना जांच के जोखिम की स्थिति को तय कर पाना मुश्किल हो जाता है। कई बार जोखिम की स्थिति में केन्द्र पर ही प्रसव कराना पड़ता है या उन्हें जब उच्च चिकित्सा केन्द्र ले जाने की सलाह दी जाती है तब तक जोखिम काफी बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति गर्भवती के लिए बहुत घातक हो जाती है। उन्होंने कहा कि संशय की स्थिति में कई बार परिजन उच्च चिकित्सा केन्द्र पहुंचने में देर कर देते हैं।
डा. रमाकांत ने बताया उच्च जोखिम गर्भावस्था या हाई रिस्क प्रेगनेंसी उसे कहते हैं जिसमें मां और शिशु दोनों में सामान्य गर्भावस्था की तुलना में अधिक जटिलता विकसित होने की संभावना होती है। ऐसी महिलाओं को अन्य सामान्य गर्भवती के मुकाबले ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिये कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का लाभ उठाएं और संस्थागत सुरक्षित प्रसव कराएं। उन्होंने कहा कि गंभीर एनीमिक की स्थिति अगर पहले पता चल जाए तो उसे संभाला जा सकता है। प्रसव करीब आने पर एम्बुलेंस की सुविधा की जानकारी परिवार वालों को होनी चाहिए क्योंकि अस्पताल पहुँचने में देरी कभी कभी भारी पड़ जाती है।
यह हैं निःशुल्क सुविधाएं
• समस्त गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच- हीमोग्लोबिन, शुगर (ओजीटीटी) यूरीन, ब्लड ग्रुप , एचआईवी, सिफलिस, वजन , ब्लड प्रेशर, अल्ट्रासाउंड एवं अन्य जांच।
• टिटनेस का टीका, आयरन, कैल्शियम एवं आवश्यक दवाएं।
• समस्त गर्भवती के गर्भ की द्वितीय एवं तृतीय त्रैमास में कम से कम एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ अथवा एलोपैथिक चिकित्सक की देख-रेख में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण।
• हाईरिस्क वाली गर्भवती की पहचान, प्रबंधन एवं सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करना।
• पोषण, परिवार नियोजन तथा प्रसव स्थान के चयन के लिए काउंसलिंग।
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