मेरठ । भारतीय रेलवे के लिए वित्तीय व्यवस्था करने वाली डेडिकेटेड यूनिट इंडियन रेलवे फाइनेंस कार्पोरेशन (आईआरएफसी) ने शुक्रवार को घरेलू बॉण्ड के माध्यम से 1,375 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
6.80 प्रतिशत कूपन दर पर 20 साल की परिपक्वता अवधि के साथ यह फंड जुटाया गया है। सीसीआईएल के शुक्रवार को बंद होने के आधार पर इस बॉण्ड को सरकारी प्रतिभूति के बैंचमार्क से लगभग 18 बेसिस पॉइंट्स कम पर जुटाया गया है। हाल के दौर में यह पहला उदाहरण है जब एक टॉप रेटेड कार्पोरेट बॉण्ड ने कम दर पर घरेलू बाजार में लंबी अवधि के लिए पैसा जुटाया है। यह आईआरएफसी के प्रति देश में बड़े कर्ज निवेशकों द्वारा जताए गए आत्मविश्वास को दर्शाता है, जिसने आईपीओ के जारी होने और सरकारी हिस्सेदारी के कम होने के बाद लागत और जोखिम में बढ़ोतरी से संबंधित चिंताओं को भी दूर किया है।
कंपनी ने एक स्टेटमेंट में कहा, ‘‘इस बॉण्ड निर्गम को निवेशकों की ओर से बहुत अच्छा रेस्पान्स मिला है, इनमें मुख्य रूप से भविष्य निधि सहित दीर्घकालिक/अल्ट्रा-लॉन्ग-टर्म निवेशक भी शामिल थे। बॉण्ड का बेस साइज 500 करोड़ रुपए था और यह 6 गुना सब्सक्राइब हुआ।’’
कंपनी ने आगे कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष के लिए रेल मंत्रालय द्वारा दिए गए उधारी लक्ष्य के आधार पर कंपनी ने 1,375 करोड़ रुपए की राशि को बरकरार रखने का फैसला किया है।
घरेलू पूंजी बाजार में 20-वर्षीय बॉण्ड जारी करने के माध्यम से चालू वित्त वर्ष के दौरान संचयी निधि ने लगभग 13,970 करोड़ रुपए के आंकड़े को छुआ है। घरेलू बाजार में 10 साल तक की अवधि वाले कॉर्पोरेट बाॅण्ड लिक्विड हैं। आईआरएफसी इस तरह के बड़े बॉण्ड निर्गम लॉन्ग/अल्ट्रा-लॉन्ग टेनर्स के लिए कॉरपोरेट बॉण्ड बाजार को और व्यापक बनाया है और भविष्य में जारी होने वाले इसी तरह के बाॅण्ड के लिए इस सेगमेंट में एक नया मानदंड स्थापित किया है। 
आईआरएफसी भारतीय रेलवे के विकास, विस्तार और आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।कंपनी को चालू वित्त वर्ष के दौरान 1 ट्रिलियन रुपए से अधिक का वार्षिक उधार का लक्ष्य सौंपा गया था। आईआरएफसी ने भारतीय रेलवे को पिछले 6 वर्षों में 45.70 प्रतिशत के लगभग सीएजीआर का वार्षिक संवितरण किया है।  
वार्षिक उधार लक्ष्य को घरेलू और विदेशी बाजार से विविध स्रोतों से उधार के माध्यम से सफलतापूर्वक पूरा किया गया है, जिसमें 4.08 बिलियन डॉलर का बाहरी वाणिज्यिक उधार भी शामिल है, जो किसी एक वर्ष में लिया गया उच्चतम है। बाहरी वाणिज्यिक उधारों में शामिल हैं- कंपनी के ग्लोबल मीडियम नोट प्रोग्राम (जीएमटीएन) के तहत Reg-S / 144A प्रारूप में 10 साल की अवधि के लिए 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर के विदेशी बॉण्ड जारी करना और 7 से 10 साल तक की अवधि के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के एक अग्रणी बैंक से विदेशी मुद्रा ऋण के माध्यम से 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का उधार लेना। 10 साल की अवधि के लिए 750 मिलियन अमेरिकी डाॅलर के विदेशी बॉण्ड को निवेशकों की ओर से जबरदस्त रेस्पान्स मिला और यह लगभग 4 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ। इस तथ्य के बावजूदकि आईपीओ के बाद कंपनी का बॉण्ड निर्गम ईएमबीआई इंडेक्स में शामिल होने के योग्य नहीं है, यह 2.80 प्रतिशत (10 वर्ष के यूएसटी पर 167.5 बीपीएस) का सबसे अधिक संभव मूल्य निर्धारण प्राप्त करने में कामयाब रहा। आईआरएफसी द्वारा प्राप्त मूल्य निर्धारण ने सेकंडरी मार्केट के यील्ड पर प्रीमियम संबंधी परंपरा को बदल दिया है। आईआरएफसी द्वारा जारी किए गए बॉण्ड की कीमत अपने सूचीबद्ध कागजात के सेकंडरी मार्केट की यील्ड से 7 से 10 बीपीएस कम थी।

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