ड्राई आई सिंड्रोम जैसी बीमारी के चपेट में आने का खतरा
वरिष्ठ संवाददाता, सहारनपुर। लंबे समय तक लैपटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल करने से बच्चों में ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या आम हो गई है। यूं तो पहले भी टीवी ज्यादा देखने वाले बच्चों में इस तरह की परेशानी देखी जाती थी, लेकिन कोविड-19 के चलते बच्चों की पढ़ाई आनलाइन होने से यह समस्या काफी बढ़ गई है। केवल बच्चों में ही क्यों स्क्रीन के सामने ज्यादा समय तक रहने से बड़े भी ड्राई आई सिंड्रोम का शिकार हो रहे हैं। यह बातें जिला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ रमाकांत ने कहीं। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में भी ड्राई आई सिंड्रोम के शिकार बच्चे और बड़े आए दिन पहुंच रहे हैं। डॉ. रमाकांत ने बताया कि सीधे शब्दों में कहा जाए तो आंखों में प्राकृतिक आंसुओं की कमी होने से यह समस्या उत्पन्न होती है। हाल के दिनों में कोविड-19 के चलते लैपटॉप, मोबाइल और टीवी स्क्रीन के सामने लगातार लंबे समय तक रहना इसका सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। कोरोना काल में बच्चों की आउटडोर गतिविधियां भी बाधित रहीं। ऐसे में बच्चे अधिक समय तक स्क्रीन के सामने रहे और ड्राई आई सिंड्रोम के मामले बढ़ने लगे। हालांकि उचित खानपान के अभाव में भी ऐसा होता है। इतना ही नहीं गलत व्यसन में फंस कर भी लोग ड्राई आई सिंड्रोम शिकार होते हैं। इस तरह की दिक्कत होने पर आंखों में जलन और खुजली होने के साथ ही दृष्टि धुंधली होने लगती है। ऐसा भी देखा गया है कि आंखों से पानी आना भी ड्राई आई सिंड्रोम का लक्षण हो सकता है। यदि ऐसी समस्या आए तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सक से परामर्श लें। डॉ. रमाकांत का कहना है कि ड्राई आई सिंड्रोम होने पर विटामिन ई युक्त चीजों का अधिक सेवन करें। साथ ही पेय पदार्थ अधिक मात्रा में लें। कई मामलों में तंबाकू और अल्कोहल का सेवन भी इस समस्या का कारण देखा गया है। लिहाजा इनका सेवन करने से बचें। बच्चों को अनावश्यक रूप से मोबाइल का इस्तेमाल करने से रोके। हालांकि अब स्कूल खुलने शुरू हो गए हैं लेकिन फिर यदि बच्चे आनलाइन क्लास करते हैं तो उन पर नजर बनाए रखें। चिकित्सक की सलाह के बिना आंख में कुछ न डालें।
ड्राई आई सिंड्रोम के लक्षण
आंखों में जलन महसूस होना। आंखें भारी होना। आंखें शुष्क होना। आंखें लाल होना तथा दृष्टि धुंधली होना।
इस सिंड्रोम के लक्षण
लंबे समय तक डिजिटल डिवाइस का इस्तेमाल करना। ज्यादा समय तक एसी में रहना। लगातार कांटेक्ट लेंस का प्रयोग करना। बहुत ज्यादा किताबें पढ़ना।
बचाव कैसे करें
लगातार स्क्रीन के सामने न रहें, ब्रेक लेते रहे। विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। पेय पदार्थों का सेवन अधिक करें। तंबाकू और अल्कोहल के प्रयोग से बचें। साबुत अनाज, फल और सब्जियों का सेवन करें।
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