नयी दिल्ली। देश में कोविड-19 टीकाकरण अभियान बड़े पैमाने पर चलाने की तैयारियों के तहत शनिवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इसका पूर्वाभ्यास किया। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हषवर्धन ने लोगों से टीके के सुरक्षित होने और इसकी प्रभाव क्षमता के बारे में अफवाहों से गुमराह नहीं होने की अपील की। 

            हर्षवर्धन ने कहा कि टीकाकरण के प्रथम चरण में सर्वाधिक प्राथमिकता वाले लोगों को नि:शुल्क टीका उपलब्ध कराया जाएगा, जिनमें एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और अग्रिम मोर्चे के दो करोड़ कर्मी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर 27 करोड़ लोगों को जुलाई तक किस तरह से टीका लगाया जाएगा, इस बारे में ब्यौरे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इन लाभार्थियों में 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित इससे कम उम्र के लोग शामिल हैं। राष्ट्रीय राजधानी में तीन स्थानों पर कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यासकिया गया। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को कोविड-19 का टीका नि:शुल्क लगाया जाएगा, बस, इसके आने का इंतजार है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार टीकाकरण अभियान के लिए तैयारियां कर चुकी है। टीकाकरण पूर्वाभ्यास के तहत दरियागंज में एक केंद्र के दौरे पर पहुंचे जैन ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अब तक पूरी व्यवस्था ‘त्रुटिरहित’ लग रही है। अधिकारियों ने बताया कि कुछ राज्यों ने टीकाकरण पूर्वाभ्यास के लिए ऐसे जिलों को शामिल किया है जो दुर्गम स्थानों पर हैं। महाराष्ट्र, केरल और गुजरात ने चार-चार जिलों में, कर्नाटक और तमिलनाडु ने पांच-पांच जिलों में, जबकि राजस्थान ने सात जिलों में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया। भारत में अब तक कोविड-19 के 1.03 करोड़ मामले सामने आये हैं।

उल्लेखनीय है कि टीकाकरण पूर्वाभ्यास से एक दिन पहले शुक्रवार को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी एक विशेषज्ञ समिति ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोरोना वायरस रोधी टीके ‘कोविशील्ड’ के भारत में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की। इसके साथ ही, भारत में अगले कुछ दिनों में कोविड-19 का टीका लगाये जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात, पंजाब में 28-29 दिसंबर को पहला पूर्वाभ्यास किया गया था, जिसके तहत कम से कम 125 लाभार्थियों को शामिल किया गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि प्रायोगिक अधार पर किये गये पूर्वाभ्यास के दौरान कोई बड़ी परेशानी नहीं पाई गई और सभी राज्यों ने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए संचालन संबंधी दिशानिर्देशों तथा आईटी मंच पर भरोसा जताया है। शनिवार को किये गये पूर्वाभ्यास के लिए विभिन्न गतिविधियों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा विशेष टीमों का गठन किया गया था। इन गतिविधियों में लाभार्थियों के छद्म डेटा को अपलोड करना, सत्र स्थलों का निर्माण करना, टीका आवंटन, लाभार्थियों एवं टीका लगाने वालों को टीके का ब्योरा बताना आदि शामिल थे। वर्धन ने कहा, ‘‘मैं लोगों से अपील करता हूं कि कोविड-19 टीके की सुरक्षा और इसके प्रभाव को लेकर चल रही अफवाहों से गुमराह नहीं हों। टीके को मंजूरी देने से पहले हम किसी भी प्रोटोकॉल से समझौता नहीं करेंगे।’’ हर्षवर्धन ने कहा कि जब पोलियो उन्मूलन के लिए देश में अभियान चलाया गया तब भी उसके टीके को लेकर दुविधा की स्थिति थी, लेकिनहमें ‘‘इसकी सफलता को याद रखना चाहिए।’’ एक बयान में मंत्री के हवाले से कहा गया है, ‘‘यह हमारी तत्परता और समर्पण का परिणाम था कि 2014 में भारत पोलियो मुक्त घोषित हो गया। पोलियो टीकाकरण अभियान सहित पूर्व के टीकाकरण अभियानों से मिले अनुभव का उपयोग अब देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान में किया जा रहा है।’’ वर्धन ने कहा कि सोमवार और मंगलवार को चार राज्यों में प्रायोगिक आधार पर किये गये पूर्वाभ्यासों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर राष्ट्रव्यापी पूर्वाभ्यास को अद्यतन किया गया।

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