दस्त और लिवर की समस्या है तो न बरतें लापरवाही, तुरंत कराएं जांच

मेरठ। कोरोना संक्रमण के लक्षणों की गुत्थी अभी सुलझी नहीं है। तेज बुखार, सूखी खांसी, शरीर में दर्द, गले में खराश जैसे लक्षण तो आम हैं, लेकिन अब मांसपेशियों में दर्द और पाचन तंत्र खराब होना भी कोरोना संक्रमण का लक्षण माना जा रहा है। ऐसे लक्षण वाले भी काफी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गये हैं।
लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज एलएलआरएम के कोविड वार्ड में उपचाराधीनों का इलाज कर रहे चिकित्सक डा. तुंगवीर सिंह आर्य का कहना है कि कोरोना के 20 प्रतिशत उपचाराधीनों में पेट संबंधी बीमारियां मिल चुकी हैं। ऐसे लोगों को दस्त होने के साथ ही लिवर में भी समस्या आ रही है। इसी तरह डॉ. राहुल भटनागर ने बताया कि मांसपेशियों में दर्द और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी उपचाराधीनों में पायी गयीं हैं। मांसपेशियों में दर्द वाले उपचाराधीनों में कोरोना का संक्रमण मिला है। ऐसे उपचाराधीनों की संख्या करीब 10 से 15 प्रतिशत है। चिकित्सक सलाह देते हैं कि यदि इस तरह के लक्षण किसी में दिखें तो वह तुरंत अपने नजदीकी चिकित्सक अथवा स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क करें।
बता दें कोरोना के उपचाराधीनों में 15 से 20 प्रतिशत लोगों में पेट संबंधी बीमारियां भी पायी गयी हैं। जिले में अब तक कोरोना के 19111 मरीज मिल चुके हैं। खास बात यह है कि इनमें हर तरह के लक्षण वाले मरीज मिले हैं, जिसमें स्वाद और गंध का पता न चल पाना, आंखों के रेटिना का लाल हो जाना, कम दिखाई देना, पाचन संबंधी बीमारियां, कम सुनाई देना, न्यूरोलॉजिकल समस्या जैसे लक्षण शामिल हैं। डा. तुंगवीर सिंह आर्य ने बताया कि अब तक जिले की रिकवरी दर अच्छी रही है। यह बढ़ कर 94 प्रतिशत हो गयी है। वायरस में म्यूटेशन भी हुआ है। लोगों में टी सेल रिस्पांस होना भी बदला लक्षण हो सकता है। आंतों में सूक्ष्म जीवों की बहुलता के साथ कोरोना का कम आक्रामक होना भी बड़ा कारण हो सकता है। डा. आर्य ने बताया कि जिले में हर्ड इम्युनिटी भी मिली है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि मलिन बस्तियों के लोगों के नमूने लिए गए थे, उनमें एक में भी संक्र मित नहीं मिला है। जबकि इनमें दो साल से 16 साल तक के बच्चे भी शामिल रहे। इन लोगों ने संक्रमण से बचने के कोई भी तरीके नहीं अपनाए हैं। इसके बाद भी संक्रमण नहीं हुआ। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इनके टी सेल रिस्पांस बेहतर रहे होंगे।
मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि कोरोना का कोई एक लक्षण नहीं है। देश से लेकर विदेश तक लोगों में अलग-अलग लक्षण मिल रहे हैं। ऐसे में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।

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