नाको ने सभी एआरटी सेंटरों पर भेजी दवाओं की खेप 

मेरठ। एचआइवी मरीजों का इलाज नई दवा से होगी। यह डोज वायरस पर जहां ज्यादा असरकारी होगी। वहीं शरीर पर दुष्प्रभाव भी नगण्य होगा। नेशनल एड्स कंट्राेल सोसाइटी ने राज्य के एआरटी सेंटर पर दवाओं की नई खेप भेज दी है। राज्य के हर जनपद में आइसीटीसी सेंटर है। इन पर एचआइवी की मुफ्त जांच की सुविधा उपलब्ध है। मेरठ जिले के एआरटी सेंटरों पर करीब 10 हजार मरीज पंजीकृत हैं। ऐसे में नेशनल एड्स कंट्राेल सोसाइटी (नाको) ने राज्य के सभी मरीजों का नई दवा से इलाज का फैसला किया। अब एआरटी सेंटर पर नई दवा का स्टॉक भेज दिया गया है। केजीएमयू में पंजीकृत पुराने एचआइवी के मरीजों को नवंबर में नई दवा पर शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं नए मरीजों को भी नई एंटीरेट्रो वायरल थेरेपी दी जाएगी। यह दवा मुफ्त है।
पहले टीएलई अब टीएलडी की डोज
मेरठ एआरटी की प्रभारी डा0 अरूणिमा पांडे के मुताबिक पहले एचआइवी मरीजों को टीएलई की डोज दी जाती थी। इसमें टेनोफोविर,लैमीवुडिन व ए फाविरेंज की डोज दी जाती थी। वहीं अब नई डोज में ए फाविरेंज को हटा दिया गया है। अब टीएलडी की डोज में टेनोफोविर,लैमीवुडिन व डॉल्यूटेग्राविर को शामिल किया गया है। यह दवा मरीजों के लिए अधिक फायदेमंद है। वायरस पर तेजी से असर करती है। शरीर में उसका लोड कम करती है। 
डॉ. अरूणिमा पांडे के मुताबिक एफविरेंज के मरीज पर साइड इफेक्ट होते थे। इसमें उलझन आना, घबराहट आना, नींद आने लगना, सपना आने जैसी तमाम दिक्कतें थीं। ऐसे में मरीज को शाम को खाना खाने के बाद दवा सेवन की सलाह दी जाती थी। वहीं ड्राइवर आदि का काम करने वाले मरीजों को दवा लेने से नींद आने की समस्या रहती थी। कई बार वह दवा ब्रेक कर देते थे। ऐसे में ड्रग रजिस्टेंस की समस्या होने लगती थी। वहीं अब डॉल्यूटेग्राविर किसी भी वक्त मरीज सेवन कर सकता है।


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