बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग नए नियमों के साथ बांटेगा राशन
शिशु, गर्भवती- धात्री महिलाओं व किशोरियों को सूखे राशन में मिलेगा गेहूं, चावल व दाल
जनपद में 10 से 14 नवंबर तक होगा राशन का वितरण
नोएडा। सुपोषण के लिए बच्चों को दिये जाने वाले पौष्टिक आहार में शासन ने बड़ा बदलाव किया है। बच्चों को अब पंजीरी- लड्डू एवं वीनिंग फूड नहीं मिलेगा, बल्कि उन्हें च्हेल्दी पोटलीज् दी जाएगी, जिसमें सूखा राशन गेहूं, चावल, दाल, स्किम्ड मिल्क पाउडर एवं घी होगा। शासन के नए आदेशानुसार स्वयं सहायता समूह आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से इस सूखे राशन का वितरण करेंगे। जनपद में 10 से 14 नवंबर तक राशन का वितरण घर-घर किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) पूनम तिवारी ने बताया स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सूखे राशन का वितरण करेंगी, जिसमें छह माह से तीन वर्ष की आयु के बच्चे को एक किलो चावल, 1.5 किलो गेहूं, 750 ग्राम दालें एवं हर तीसरे महीने 450 ग्राम देसी घी व 400 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर दिया जाएगा। तीन वर्ष से छह वर्ष की आयु के बच्चों को एक किलो चावल, 1.5 किलो गेहूं और हर तीसरे महीने 400 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर दिया जाएगा। इसी तरह गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं एवं स्कूल न जाने वाली किशोरियों (11 वर्ष से 14 वर्ष तक) को एक किलो चावल, दो किलो गेहूं, 750 ग्राम दालें और हर तीसरे महीने 750 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर व 450 ग्राम देसी घी दिया जाएगा। ऐसे बच्चे जिन्हें अति सुपोषण की जरूरत है उन बच्चों को 1.5 किलो चावल, 2.5 किलो गेहूं, 500 ग्राम दालें, और हर तीसरे महीने 900 ग्राम देसी घी व 750 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर दिया जाएगा। अब तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर नमकीन और मीठा दलिया के अलावा लड्डू और पंजीरी का वितरण किया जाता था।
कलर कोड से होगी पहचानः
सूखे राशन वितरण में कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए पोषण पोटली (थैली) की पहचान कलर कोड से होगी। छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों को बांटा जाने वाला राशन आसमानी नीले रंग के थैली में पैक होगा। तीन से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए हल्का हरा, गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे (छह माह से तीन वर्ष तक) के लिए लाल, गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए पीली, और 11-14 वर्ष तक की बालिकाओं के लिए गुलाबी रंग के थैली में होगा।
1108 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत लाभार्थियों को मिलेगा राशन
जनपद के 1108 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत छह माह से तीन साल तक के करीब 48००० बच्चों, तीन साल से छह साल तक करीब 21000 बच्चों और करीब 23००० गर्भवती व धात्री महिलाओं को नई व्यवस्था के तहत पुष्टाहार वितरण दिवाली से पहले करने के निर्देश शासन से मिले हैं। पुष्टाहार वितरण कार्यक्रम में महिला सहायता समूहों की मदद ली जाएगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी का कहना है कि नई व्यवस्था से स्थानीय सहभागिता को बढ़ावा मिलेगा। गर्भवती महिलाओं, ११ से १४ वर्ष की स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं एवं बच्चों को गुणवत्तायुक्त पोषण उपलब्ध होगा। चयनित स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूह के स्वरोजगार के साथ-साथ स्थानीय महिलाओं का सशक्तीकरण होगा। ग्राम स्तर पर गठित निगरानी समिति इस कार्यक्रम पर नजर रखेंगी।
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