शासन ने जारी किया नया सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशियन प्रोग्राम
- शिशु, गर्भवती- धात्री व किशोरियों को दिया जायेगा गेहूं चावल, दाल,
- पंजीरी और लड्डू नहीं, अब मिलेगा देसी घी एवं मिल्क पाउडर
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गाजियाबाद। समेकित बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशियन प्रोग्राम में आमूलचूल परिवर्तन किया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वार्ष्णेय ने बृहस्पतिवार को बताया नई व्यवस्था के मुताबिक अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीरी आदि के स्थान पर सूखे राशन का वितरण किया जाएगा। इसके साथ देशी घी और मिल्क पाउडर का वितरण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया सितंबर और अक्टूबर माह के पुष्टाहार का वितरण दिवाली से पहले करने के निर्देश शासन से प्राप्त हुए हैं। फिलहाल आंगनबाड़ी केंद्र कोविड प्रोटोकॉल के चलते बंद हैं, इसलिए राशन का वितरण घर-घर जाकर किया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जनपद में ढाई लाख लाभार्थियों को दिवाली से पहले इसका लाभ मिलेगा।
उन्होंने बताया आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों एवं गर्भवती व धात्री महिलाओं को अब पंजीरी नहीं मिलेगी, बल्कि दाल, चावल, गेहूं, दूध और देशी घी का वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया ३० वर्षों से चली आ रही सप्लीमेंट न्यूट्रीशियन कार्यक्रम में राज्य सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। अब तक आंगनबाड़ी केंद्रों पर नमकीन और मीठा दलिया के अलावा लड्डू और पंजीरी का वितरण किया जाता था। इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए अब दाल, चावल और गेहूं के साथ देशी घी और दूध के पाउडर का वितरण किया जाएगा।
जनपद के 1373 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत छह साल तक के करीब 2.13 लाख बच्चे और 4०००० गर्भवती महिलाओं को नए मेन्यू के तहत पुष्टाहार वितरण दिवाली से पहले करने के निर्देश शासन से मिले हैं। सप्लीमेंट न्यूट्रीशियन कार्यक्रम में महिला सहायता समूहों की मदद ली जाएगी। डीपीओ का कहना है कि नई व्यवस्था से स्थानीय सहभागिता को बढ़ावा मिलेगा। गर्भवती महिलाओं, 11 से 14 वर्ष की स्कूल न जाने वाली किशोरी बालिकाओं एवं बच्चों को गुणवत्तायुक्त पोषण स्थानीय परिवेश में उपलब्ध होगा। चयनित स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूह के स्वरोजगार के साथ-साथ स्थानीय महिलाओं का सशक्तीकरण होगा। ग्राम स्तर पर गठित निगरानी समिति इस कार्यक्रम पर नजर रखेंगी।
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