एड्स के बारे में जानकारी से होगा बचाव
गाजियाबाद, । हर साल 1 दिसंबर को पूरे विश्व में एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम) दिवस मनाया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाना और एड्स से जुड़े मिथ को दूर करते हुए लोगों को शिक्षित करना और इस रोग के कारण और बचाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। एड्स एचआईवी वायरस से होने वाला रोग है। यह छूने से नहीं फैलता। एचआईवी वायरस का संक्रमण असुरक्षित यौन संबंध, ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जरिए होता है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. जेपी श्रीवास्तव ने बताया कि इसका एक बड़ा खतरनाक कारण नशे के लिए सुई लगाना सामने आ रहा है। नशे के इंजेक्शन लेने के आदी ग्रुप में यह काम करते हैं और कई लोग एक ही सुई को इस्तेमाल करते एचआईवी वायरस संक्रमण का सबसे बड़ा जरिया बनते जा रहे हैं।
जनपद की बात करें तो गाजियाबाद में अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक आईसीटीसी की ओर से कुल 8090 लोगों की काउंसलिंग और एचआईवी टेस्टिंग की गई। इनमें 4091 पुरुष, 3910 महिलाएं और 89 ट्रांस जेंडर शामिल थे। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि इनमें से कुल 254 लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए थे, जिनमें 184 पुरुष, 68 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर शामिल थे। अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक आठ ट्रांसजेंडरों, 4068 महिलाओं और 4830 पुरुषों समेत कुल 8906 लोगों की काउंसलिंग और एचआईवी टेस्टिंग हुई, जिनमें से 156 पुरुष, 73 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर एचआईवी पॉजिटिव मिला।
इसके अलावा अप्रैल 2020 से लेकर अक्टूबर 2020 तक जनपद में कुल 2727 लोगों की कांउसलिंग और एचआईवी टेस्टिंग की गई। इनमें 1436 पुरुष, 1286 महिलाएं और पांच ट्रांसजेंडर शामिल थे। जांच में कुल 27 पुरुष और 10 महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव मिली हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. जेपी श्रीवास्तव ने बताया कि आईसीटीसी सेंटर में लगातार काउंसिलिंग के जरिए लोगों को जागरूक किया जाता है और निशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने जनपद वासियों से अपील की है कि इस रोग के प्रति कोई भ्रम न पालें। यह रोग छूने से नहीं फैलता। एड्स से बचाव के लिए असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें। खून चढ़वाते समय या फिर सुई लगवाते समय इस बात का ध्यान रखें की इस्मेमाल की जाने वाले सुई पहले से किसी के लिए इस्तेमाल न हुई हो।
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