दूसरे प्रदेश की टीम अलग-अलग शहरों का लेगी जायजा 


मेरठ।स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 की राह आसान नहीं। सही काम का दावा नहीं किया तो अंक तो कटेंगे ही, दंड भी मिलेगा। इस बार दूसरे प्रदेश की टीम अलग-अलग शहरों का जायजा लेगी। टीम में कोई स्थानीय व्यक्ति नहीं होगा। ऐसी स्थिति में शहर में जो काम हो रहा है तो उसका ही नगर निगम दावा करे। टीम ने दावों के विपरीत कुछ पाया तो शहर की रैंकिंग के लिए अच्छा नहीं होगा। ऐसे में सतर्कता के साथ काम किया जाए।
नगर आयुक्त डा.अरविंद कुमार चौरसिया ने स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 को लेकर निगम अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने स्वच्छता मानकों को लेकर निगम अधिकारियों को आगाह किया। उन्होंने कहा कि अब करीब दो महीने का समय बचा है। ऐसे में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की तैयारियां को अब तेज कर दिया जाए। तैयारियों को लेकर नगर आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है।
उनकी तरफ से पिछले दो दिनों से लगातार बैठकें की जा रही हैं। बैठक के दौरान उन्होंने नोडल अधिकारियों की नियुक्तियां भी कर दी हैं। इसमें निगम अधिकारियों को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से वर्ष 2021 की प्रतियोगिता के लिए जारी किए गए नए दिशा निर्देश पर चर्चा की। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से इन दिशा-निर्देश को अच्छी तरह से पढ़ लेने को कहा है ताकि किसी को कोई शंका न रहे।
नगर आयुक्त ने जनवरी में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण से पहले तमाम कमियों को दूर करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि रिहायशी और कामर्शियल क्षेत्रों में सफाई, कचरा कलेक्शन करने वाले संसाधनों की तकनीकी दिक्कतों, कचरा कलेक्शन के काम में लगे कर्मचारियों को आ रही समस्याओं, खुले में शौचमुक्त संबंधी आ रही दिक्कतों को तुरंत दूर किया जाए। इस बार दूसरे प्रदेशों की टीम सर्वे करेगी।
स्थानीय लोगों को लेकर थी आपत्ति
स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 में सर्वे टीम में स्थानीय लोगों के रहने पर मेरठ सहित कई शहरों की गंभीर आपत्ति थी। मेरठ की सर्वे टीम में किठौर और थापरनगर के लोग शामिल थे। अब ऐसा नहीं होगा। अब जिस शहर का सर्वे होगा तो उस शहर से संबंधित राज्य के बाहर की टीम के लोग शामिल होंगे।

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