कहीं भी और कभी भी कर सकेंगे प्रयोग

   

मेरठ। कोरोनाकाल में अब तक ऑनलाइन पढ़ाई के जरिये पाठ्यक्रम पूरा कर रहे छात्र-छात्राओं को सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन सीबीएसई ने वर्चुअल प्रैक्टिकल की सुविधा प्रदान की है। बोर्ड द्वारा ओलैब नाम से विकसित की गई इस ऑनलाइन लैब के जरिये छात्र भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान, गणित व अंग्रेजी सहित आठ विषयों में न सिर्फ ऑनलाइन प्रैक्टिकल कर सकेंगे बल्कि लाइव प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा भी शांत कर सकेंगे। यह लैब भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन मंत्रालय, सीडैक ने विकसित किया है।
वर्चुअल प्रयोगशाला को कम खर्च व इंटरनेट के जरिये सिखाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। जिन छात्रों की पहुंच वास्तविक प्रयोगशाला तक नहीं है या जहां दुर्लभ या महंगे होने के कारण उपकरण उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे छात्रों के लिए यह प्रयोगशालाएं काफी मददगार साबित होगी। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें छात्र कभी भी, कहीं से भी प्रयोग कर सकता है। 
 ये हैं विशेषताएं :-
 कक्षा नौ से कक्षा बारहवीं तक भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान की प्रयोगशालाए,कक्षा नौ और 10 के लिए अंग्रेजी और गणित की शिक्षा, एनसीईआरटी-सीबीएसई और स्टेट बोर्ड पाठ्यक्रम के अनुसार सामग्री, प्रयोग के कांसेप्ट और समझ विकसित करना। कहीं भी, कभी भी प्रयोग करनेए रिकॉर्ड करने और सीखने की क्षमता,प्रयोग के सभी क्षेत्रों में व्यक्तिगत अभ्यास
विद्यालय अपने स्तर से करा रहे प्रैक्टिकल 
शहर के मेरठ पब्लिक स्कूल, दीवान पब्लिक स्कूल और केएल इंटरनेशल,डीपीएस स्कूल समेत आधा दर्जन विद्यालय ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोनाकाल में वीडियो लैक्चर तैयार करने के लिए स्टूडियो विकसित कर लिया है। ये सभी विद्यालय अपने स्तर से बच्चों को प्रैक्टिकल करा रहे हैं, जिसमें लाइव प्रश्न पूछकर अपनी छात्र.छात्राएं अपनी जिज्ञासा शांत कर रहे हैं।दीवान पब्लिक स्कूल के प्रिंसपल एमएच राउत ने बताया कि ओलैब को लेकर बोर्ड का आदेश आ चुका है। इसे विद्यालयों को भेजा जा रहा है। जल्द ही जिले के सीबीएसई बोर्ड संचालित विद्यालयों के छात्र इसके जरिये वर्चुअल प्रैक्टिकल का लाभ उठा सकेंगे।


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