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बच्चों को सार्वजनिक जगहों पर न जाने दें : डा. आनंद
बच्चों को सार्वजनिक जगहों पर न जाने दें : डा. आनंद
By
News Prahari
-
-
बच्चों
के
लिए
मास्क
के
बजाय
फिजिकल
डिस्टेंसिंग
बेहतर
-
ज्यादा
देर
मास्क
लगाने
से
बच्चों
को
हो
सकती
है
परेशानी
गाजियाबाद।
कोरोना
का
खतरा
अभी
कम
नहीं
हुआ
है।
बल्कि
बढ़ते
मामलों
को
देखते
हुए
हमें
और
सचेत
रहने
की
जरूरत
है।
जब
बात
बच्चों
की
हो
,
तो
संवेदनशीलता
और
बढ़
जाती
है।
इसलिए
बच्चों
को
सार्वजनिक
जगहों
पर
न
जाने
दें।
बेहतर
हो
कि
बच्चों
को
घर
में
ही
खेलने
को
कहें
,
क्योंकि
पार्क
या
खेल
के
मैदान
में
जाने
से
संक्रमण
का
खतरा
है।
बच्चों
के
लिए
ज्यादा
देर
तक
मास्क
लगाना
भी
ठीक
नहीं
है
,
इसलिए
खेल
के
मैदान
में
जाएं
तो
फिजिकल
डिस्टेंसिंग
का
ध्यान
रखें
और
यह
सब
करने
के
लिए
जरूरी
है
कि
बच्चों
के
साथ
घर
का
कोई
बड़ा
जरूर
हो।
यह
बातें
जिला
महिला
अस्पताल
में
सिक
न्यूबोर्न
केयर
यूनिट
(
एसएनसीयू
)
के
बाल
रोग
विशेषज्ञ
डा
.
सुरेंद्र
आनंद
ने
कहीं।
डा
.
आनंद
ने
बताया
कि
बच्चों
को
खेलने
के
दौरान
अतिरिक्त
ऑक्सीजन
की
जरूरत
होती
है।
मास्क
लगाने
के
बाद
कहीं
न
कहीं
सांस
लेने
में
थोड़ी
दिक्कत
तो
होती
ही
है
,
इसलिए
प्रयास
यही
किया
जाना
चाहिए
कि
खेलने
के
दौरान
बच्चे
को
मास्क
न
लगाना
पड़े।
इसके
लिए
बच्चे
सार्वजनिक
जगहों
पर
न
खेलें
तो
बेहतर
है
और
यदि
सार्वजनिक
जगह
जैसे
पार्क
या
खेल
के
मैदान
में
बच्चे
खेलें
तो
दूसरे
बच्चों
से
कम
से
कम
दो
गज
से
ज्यादा
दूरी
बनाकर
खेलें।
डा
.
आनंद
बताते
हैं
कि
फिजिकल
एक्टिविटी
के
दौरान
बच्चों
को
अधिक
ऑक्सीजन
की
जरूरत
होती
है
,
इसके
लिए
वह
तेज
सांस
लेने
लगते
हैं।
मास्क
पहनकर
खेलने
के
दौरान
तेज
सांस
लेने
से
बच्चों
की
सांस
नली
पर
जोर
पड़ता
है। बच्चों
की
सांस
नली
बड़ों
के
मुकाबले
काफी
नाजुक
और
मुलायम
होती
है
,
इसलिए
उन्हें
सांस
लेने
में
परेशानी
हो
सकती
है।
बच्चे
सार्वजनिक
जगहों
पर
जाएं
तो
कोरोना
संक्रमण
से
बचाव
के
लिए
फिजिकल
डिस्टेंसिंग
का
पूरी
सावधानी
से
पालन
करें
,
खासकर
खेलने
के
दौरान
इस
बात
का
ज्यादा
ख्याल
रखें
ताकि
बच्चे
को
सांस
लेने
में
परेशानी
न
हो।
पार्क
में
यदि
आसपास
कोई
न
हो
तो
बच्चे
को
बिना
मास्क
लगाए
ही
खेलने
दें।
पार्क
में
जाने
के
लिए
ऐसे
समय
का
चुनाव
करें
जब
पार्क
में
भीड़
न
हो।
पार्क
के
विकल्प
के
तौर
पर
घर
के
आंगन
का
प्रयोग
कर
सकते
हैं।
फ्लैट
में
रहने
वालों
के
लिए
बालकनी
भी
विकल्प
का
काम
कर
सकती
है
,
लेकिन
बच्चे
हर
समय
बड़ों
की
निगरानी
में
रहें
,
यह
जरूरी
है।
--------------
News Prahari
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