बयानबाजी और अनुशासन को लेकर सोनिया से हस्तक्षेप की अपील
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी में चल रहे अंदरूनी झगड़े को शांत करने के लिए अब पार्टी के भीतर भी आवाज उठने लगी है। कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अध्यक्ष सोनिया गांधी से हस्तक्षेप करने की अपील की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलामनवी आजाद, पीचिदम्बरम, मल्लिकाजरुन खडग़े,पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी नेताओं की बयानबाजी पर कांग्रेस अध्यक्ष के समक्ष चिंता जताई है। इनमें से एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष को कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं से अवगत करा दिया गया है।
वरिष्ठ नेता के अनुसार कई नेताओं ने सोनिया गांधी से अनुरोध किया है कि पार्टी नेताओं के बीच बयानबाजी पर रोक लगाने के लिए उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए क्योंकि इससे पार्टी का ही नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि अनुशासन  के मामले में पार्टी पूरी तरह फेल हो गई है। जल्द ही निर्णय नहीं लिए गए तो पार्टी के लिए अच्छे भविष्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। वरिष्ठ नेता का कहना था कि सोनिया गांधी की बैठक का इतिहास रहा है कि कभी भी किसी नेता ने इसमें विवादित मुद्दे को नहीं छेड़ा, चाहे वह कार्यसमिति की ही बैठक क्यों न रही हो। उन्होंने कहा कि सोनिया की बैठक हमेशा से अनुशासित बैठक रही हैएलेकिन हाल में उनकी बुलाई राज्यसभा सांसदों की बैठक में जो घटा वह यह समझने के लिए काफी है कि पार्टी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है।
 वरिष्ठ नेता के अनुसार पार्टी की अंदरूनी व्यवस्था बिगड़ गई है उसे ठीक करने की जरूरत है। पार्टी के एक पदाधिकारी के अनुसार पार्टी के सभी नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी को फिर से पार्टी की कमान सौंपी जाए, इसमें देरी करना अब ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल कांग्रेस के पास अध्यक्ष पद के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष को अनुशासन के मामले में भी कोई उपयुक्त तंत्र विकसित करना चाहिए क्योंकि पार्टी की अनुशासन समिति बेअसर हो चुकी है।

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