राज्यपाल आनंदीबेन ने ऑनलाइन किया सप्ताह का शुभारंभ
स्वस्थ  समाज के लिए स्तनपान का संकल्प  है इस बार की थीम
आंगनबाड़ी.आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर महिलाओं को बता रहीं स्तनपान के फायदे
मेरठ 
। जनपद में शनिवार को स्तनापान सप्ताह का शुभारंभ हुआ। सप्ताह का शुभारम्भ  राज्यपाल आनंदीबेन ने लखनऊ से  आनलाइन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने मां के दूध की महत्ता बतायी। उन्होंने कहा प्रसव के एक घंटे के अंदर बच्चे को स्तनपान कराना जरूरी होता है। दूर-दराज के क्षेत्रों में ऐसे मिथक प्रचलित हैं कि प्रसव के बाद मां का पहला दूध गंदा होता है, यह बिल्कुल गलत और निराधार है। मां का पहला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए टीके का काम करता है। इससे बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

इस बार विश्व स्तनपान सप्ताह की ग्लोबल थीम स्वस्थ समाज के लिए स्तनपान का संकल्प रखी गयी है। कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद स्वास्थ्यकर्मी,  एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शहर व देहात में घर-घर जाकर धात्री माताओं को स्तनपान के लिये प्रेरित करते हुए जागरूक किया। उन्होंने स्तनपान के फायदे भी बताये ।कार्यक्रम के आनलाइन उद्घाटन के अवसर पर कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजकुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.पूजा शर्मा, सीएमओ कार्यालय का स्टाफ मौजूद रहा।

   उद्घाटन कार्यक्रम के पश्चात एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने छज्जुपुर भूडबराल, दौराला, माछरा, खरखौदा, जाहिदपुर, रजपुरा,  सरधना, हस्तिनापुरए रोहटा ब्लॉक में धात्री माताओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित और जागरूक किया। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बात की भी जानकारी दी गयी कि स्तनपान के दौरान महिलाओं को कौन.कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए। एएनएम व आशा द्वारा यह भी समझाया जा रहा है कि पहले छह माह के दौरान बच्चे को मां के दूध के अलावा कुछ भी देने की जरूरत नहीं है। यहां तक कि पानी भी नहीं देना है। केवल मां के दूध से बच्चे को छह माह तक संपूर्ण पोषक आहार प्राप्त हो जाते हैं। छह माह के बाद ही बच्चे को स्तनपान के साथ कुछ ऊपरी हल्का आहार देने की जरूरत होती है। उन्हें बताया जा रहा है कि दो वर्ष तक स्तनपान हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। स्तनपान मां और बच्चे के स्वस्थ रहने का आधार भी है।

 

 



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