कोरोना से बचने के लिये सोशल डिस्टेसिंग का रखना होगा ध्यान 
 
मेरठ, 20 आगस्त 2020। भगवान श्री गणेश को घर लाने के लिए श्रद्धालु आतुर रहते हैं। गणेश चतुर्थी के रंग में पूरा शहर रंग गया है। कोरोना के चलते इस बार गली.मोहल्लों में पंडाल नहीं लगेंगे। जिला प्रशासन की ओर से अनुमति भी नहीं दी जा रही है। घर.घर में गजानंद विराजमान होंगे और भक्ति भाव से पूजा.अर्चना की जाएगी।लेकिन पूजा अर्चना के लिये सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखना होगा। 
22 अगस्त को चतुर्दशी से 10 दिन तक गणेश उत्सव चलेगा। शहर में श्रद्धालुओं की मांग को देखते हुए स्टाइलिश गणपति की मूर्ति बाजार में हैं। बाजार में गणेश उत्सव के लिए तरह.तरह की मूर्तियां आई हैं। इनमें पगड़ी वाली मूर्ति खासतौर पर आकर्षण का केंद्र बनी है। अलग-अलग रंगों में सजी गणेश जी की पगड़ी गणपति के रूप को और अधिक निखार रही है। बाजीराव स्टाइल की पगड़ी पहले गणेश खास अंदाज में दिख रहे हैं।
सूरजमुखी किरणों के बीच बैठे गणेश जी की मूर्ति और उनके मुकुट के ऊपर लगा छत्र भी मूर्ति के आकर्षण को और अधिक बढ़ा रहा है। वहीं मोर मुकुट गणेश की मूर्ति भी आकर्षित कर रही है। गणेश उत्सव के लिए बाजार में इतनी वेरायटी हैं कि ग्राहक भी असमंजस में हैं कि कौन सी खरीदें।
मूर्ति बनाने वाले दिनेश कुमारए किरनपाल व सुभाष आदि का कहना है कि इस बार नई वैरायटी पर ग्राहकों का फोकस रहा। कीमत को लेकर बताया कि 150 रुपये से लेकर 18 हजार रुपये तक की मूर्ति है।
मूर्ति बनाने वाले  नरेश  प्रजापति व सागर प्रजापति ने बताया कि उनके यहां बनी सभी मूर्तियां मिट्टी और चॉक से बनी हैं। मूर्ति को सजाने में जिन रंगों को इस्तेमाल किया गया है वह भी ईको फ्रेंडली हैं। बताया जाता है कि बऋल महाराज, लालबाग, अमरावती, साईं बाबा, बालाजी स्टाइल की मूर्तियों की डिमांड अधिक है। इस बार शेषनाग के सिंहासन पर विराजमान गणेश की मूर्ति भी बाजार में हैं।

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