15 लोगों को लगाई जा चुकी है वैक्सीन
नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवैक्सीन को लेकर अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। अब तक किए गए परीक्षण के दौरान किसी भी तरह का कोई दुष्प्रभाव नहीं मिला है। मानव परीक्षण के तहत 24 जुलाई को 30 वर्षीय एक युवक को पहली डोज दी गई थी। उसे एक हफ्ते तक निगरानी में रखा गया, उसमें किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं दिखे। इससे देश में जल्द वैक्सीन आने की संभावना बढ़ी है। एम्स में रोजना 20 लोगों की स्क्रीनिंग व जांच की जा रही है। जांच, टेस्टिंग के बाद अभी तक 15 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद आईसीएमआर, ने वैक्सीन के लिए चार अहम पहलू बताए हैं। पहला प्राथमिकता और निष्पक्ष वितरण, दूसरा वैक्सीन रोल-आउट के लॉजिस्टिक्स, तीसरा स्टॉकपाइलिंग और चौथाए हेल्थकेयर वर्कर्स को। भारत ग्लोबल स्टेज पर भी बेहद अहम भूमिका निभा सकता है।
कोरोना वायरस की वैक्सीन बनने के बाद सबसे पहले किसको मिलेगी, इसके लिए गाइडलाइन तैयार की जा रही है। मानव परीक्षण टीम से जुड़े एक वैज्ञानिक का कहना था कि हालांकि इस बारे में कोई आखिरी फैसला नहीं हुआ है, लेकिन प्राथमिकता हेल्थ वर्कर्स को मिलनी चाहिये। इस बात पर सहमति बन रही है कि हेल्थकेयर वर्कर्स का दावा सबसे ज्यादा बनता है। बताते हैं इसमें दूसरा नंबर बुजुर्ग व अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों का हो सकता है।
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