शोभित विश्वविद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर ऑनलाइन वेबीनार
न्यूज प्रहरी, मेरठ । शोभित विश्वविद्यालय मेरठ में विश्वविद्यालय द्वारा चलाई गई कोलर्निंग कार्यक्रम के अंतर्गत कोरोना के चलते लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रभावों के ऊपर ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार का संचालन प्रख्यात मनोचिकित्सक एवं सेंटर फॉर साइकोलॉजी एंड हुमन बिहेवियर शोभित डीम्ड यूनिवर्सिटी की निदेशक डॉक्टर पूनम देवदत्त द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डिपार्टमेंट ऑफ क्लिनिकल साइकोलॉजीण् इंस्टिट्यूट ऑफ़ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंस नई दिल्ली की प्रोफेसर डॉ विभा शर्मा रही।
डॉ विभा शर्मा ने बताया कि उनका संस्थान मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत के अग्रणी संस्थानों में से एक है। यहां प्रतिदिन दो हजार के लगभग मानसिक रोगी देखे जाते हैं। कोरोना काल में संस्थान द्वारा जनसाधारण एवं पुलिसए स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य सभी लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या को लेकर संस्थान के विशेषज्ञों से परामर्श ले सकता है।
कोरोना के चलते मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कोई गंभीर बीमारी नहीं आई है किंतु मनुष्य के अंदर साधारण मानसिक रोगों में वृद्धि जैसे चिंता करनाए डिप्रेशनए ओसीडीए क्रोधए चिड़चिड़ापन एवं घरेलू हिंसा आदि में वृद्धि हुई है। जिसके चलते डॉ विभा शर्मा ने सुझाव देते हुए कहा कि हमें इस स्थिति को स्वीकार करना चाहिए। आज के समय में केवल मानसिक स्वास्थ्य जुड़े व्यक्ति ही परेशान नहीं है अभी तो सभी लोग परेशान हैं। और बहुत से लोग इन समस्याओं से जूझ रहे हैं। हमें अपनी उम्मीद बनाए रखना चाहिए। यह स्थिति परमानेंट नहीं है। कुछ समय की बात है धैर्य बनाए रखें। हमें परिवार में एक दूसरे को सहारा देना चाहिए और व्यर्थ के विवाद से बचना चाहिए। इन सब समस्याओं से बचने के लिए हमें अपनी दिनचर्या नियमित रखनी चाहिए और अपना खानपान साधा और पोस्टिक बना के रखना चाहिए। हमें व्यायाम करना चाहिए इससे मस्तिष्क में डोपामिन का संचार होता है जिससे शांति मिलती है। बच्चों एवं बुजुर्गों के शारीरिक एवं मानसिक अवस्था का ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा डॉ विभा ने बताया कि मनोविज्ञान का क्षेत्र रोजगार की दृष्टि से भी बहुत विस्तार करने वाला है। आज के समय में हर क्षेत्र में काउंसलिंग की आवश्यकता है सरकारी विभागों एवं मंत्रालयों में भी काउंसलिंग की भारी डिमांड आ रही है।
आज के समय में मनोविज्ञान हर क्षेत्र की आवश्यकता बन गई है। जैसे कि स्वास्थ्य विभागए शिक्षा विभागए कॉर्पोरेट सेक्टरए भारतीय सेनाए खेलकूदए विकलांगों की पुनस्र्थापना आदि मनोविज्ञान एक रोजगार परक विषय है आने वाले समय में मनोविज्ञान की जरूरत और ज्यादा बढ़ेगी।
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