बेहतर प्रतिरोधी क्षमता वाले व्यक्ति में नहीं दिखते कोरोना के लक्षण

वायरस से लडने में शरीर की मदद करती हैं एंटी बोडीज 

सभी को लोक डाउन का पालन करना जरूरी 

 जिया चौधरी 

न्यूज प्रहरीप्रहरी , मेरठ। कोरोना वायरस कोविड-19 से जंग लडने केे लिये मेरठ समेत प्रदेश केे सात मेडिकल कालेजो में कोरोना के संक्रमित मरीजों की जांच की जा रही है। मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में आस-पास के 10 जिलों की जांच हो रही है। बता दें कि यहां केवल उन्हीं लोगों की जांच की जा रही है। जिनमें वायरस के लक्षण देखे जा रहे हैंए या वह यात्रा करके लौटा है। 

क्या हर संक्रमित व्यक्ति में इसके लक्षण पाए जा रहे हैं  मेडिकल कालेज के माइ्रकोबॉयोलॉजी के प्रभारी डा अमित शर्मा का कहना है कि जिस व्यक्ति की प्रतिरोधी क्षमता अच्छी होती है उसका शरीर संक्रमित होने के बावजूद लक्षण नहीं दिखाता है। ऐसा भी हो सकता है कि मजबूत प्रतिरोधि क्षमता वाला व्यक्ति संक्रमित होने के बावजूद वायरस से लडने में कामयाब हो जाए। इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि वह इन हालातों में कहीं भी घूम सकता है। इससे कमजोर प्रतिरोधि क्षमता वाले लोगों को संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। इसी के चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर के कई देशों में लोकडाउन का सहारा लिया। भारत में भी इस महामारी से बचने के लिए लोकडाउन किया हुआ है। इसलिए देश के हर व्यक्ति को लोकडाउन का पालन करना जरूरी है। 

स्वोब टेस्ट व ब्लड टैस्ट में क्या है अंतर 

स्वोब टेस्ट की प्रक्रिया में गले और नाक के जरिये से सैंपल लिए जाते हैं। जिसके बाद कारोना वायरस के बारे में यह पता लगाया जाता है कि मरीज के शरीर में वायरस है या नहीं। ब्लड टेस्ट में एक किट का प्रयोग किया जाता है। जो दिखने में प्रेगनेंसी टेस्ट किट की तरह ही होती है। इससे केवल 15 मिनट में रिजल्ट देखा जा सकता है। ब्लड टेस्ट में यह देखा जाता है कि शरीर में वायरस से लडने वाली एंटी बोडीज मौजूद है या नहीं। अगर है तो रिजल्ट पोजिटिव माना जाएगा। यदि शरीर में एंटी बोडीज नहीं है तो रिजल्ट नेगेटिव है।

कैसे काम करती है कोविड-19 ब्लड टेस्ट किट 

इस टेस्ट को भी वेसे ही करना होता है जैसे शुगर टेस्ट के लिए कुछ खून की बूंद मशीन में डाली जाती हैं। कोविड.19 ब्लड टेस्ट किट में तीन सिगनल सीए जी और एम दिए गए हैं। सी के सिगनल का मतलब होता है कि टेस्ट किट सही काम कर रही है। यदि सी के साथ एम का सिग्नल आता है तो वायरस ने हाल ही में आपके शरीर में प्रवेश किया है। यानि 4 से 9 दिनों के आस पास का ही समय बीता है। टेस्ट में सी के साथ जी और एम दोनो सिग्नल मिलते हैं तो आपके शरीर में वायरस को ज्यादा दिन हो चुके हैं। जो करीब 25 से 30 दिन पुराना हो सकता है। याद रहे कि यह किट सिर्फ आपके शरीर में मौजूद एंटी बोडीज के बारे में ही जानकारी देती है। अगर टेस्ट किट में कोई भी सिग्नल नहीं आत है तो वो टेस्ट खराब माना जाएगा और आपको दोबारा टेस्ट करना होगा। 

ज्यादा टेस्ट करने से ही ट्रेक हो सकेंगे मरीज 

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को ट्रैक करने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने होंगे। ब्लड टेस्ट किट इसमे काफी कारगर साबित हो सकती है! जर्मनी और यूके ने ब्लड टेस्ट को ऑनलाइन बेचने की तैयारी ली है! जल्द ही आम लोग इसको ऑनलाइन खरीद सकेंगे! जो भारत के बाजार मे भी उपलब्ध होगी! 







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