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2 मेगा पिक्सल के स्थान पर लगाए जाएंगे पांच मेगा पिक्सल के सीसीटीवी
० 30 सीसीटीवी दो साल पहले तीन लाख रुपये की कीमत से लगे
न्यूज प्रहरी 15/03/2020 मुरादाबाद। क्षमता से पांच गुना अधिक बंदियों का बोझ उठा रही जिला कारागार में खतरा हर वक्त मंडराता रहता है। सुरक्षा को लेकर व्यापक प्रबंध के दावे किए जाते हैं लेकिनए बंदियों की संख्या अधिक होने के चलते खतरा बना रहता है। शासन स्तर पर जेल की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए पांच मेगा पिक्सल के सीसीटीवी लगाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के बाद जिला कारागार के अंदर की साफ वीडियो रिकार्डिंग होने के साथ ही ऑनलाइन फुटेज भी बेहतर देखने को मिलेगी। कारागार में अभी तक तीस सीसीटीवी लगे हुए हैं लेकिनए इनकी फुटेज क्षमता महज दो मेगा पिक्सल की है। जिससे वीडीओ और तस्वीर बहुत ज्यादा बेहतर क्वालिटी के नहीं मिल पाते हैं। हालांकि दो वर्ष पहले तक जिला कारागार में यह सीसीटीवी भी नहीं लगे हुए थे। तीन वर्ष पूर्व इसी जेल की दीवार को फांदकर सम्भल का बंदी लाल सिंह फरार हुआ था जबकि एक बंदी मुख्य गेट से निकलकर भाग गया था। इन घटनाओं के बाद अफसरों ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सीसीटीवी लगाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए शासन ने तीन लाख रुपये का बजट जारी किया गया था। जिसके बाद जिला कारागार में दीवारों के बाहर तीन सीसीटीवी के साथ ही 27 सीसीटीवी बंदियों की निगरानी के लिए लगाए गए हैं। हालांकि जो सीसीटीवी अंदर लगाए गये हैए वह केवल बैरकों के बाहर की निगरानी करते हैं। बैरक के अंदर सीसीटीवी लगाने की अनुमति नहीं होती है।
ऑनलाइन होती है निगरानी
जिला कारागार में लगे सीसीटीवी से मिलने वाले फुटेज की स्थानीय स्तर के साथ ही मुख्यालय स्तर पर भी ऑनलाइन निगरानी का कार्य किया जाता था। जेल की प्रत्येक गतिविधि को देखने के लिए मुख्यालय स्तर पर भी कर्मचारियों को तैनाती की गई है। कोई भी गड़बड़ी मिलने पर वह तत्काल अफसरों को फोन करके जानकारी मांग लेते हैं।
बोलेअधिकारी
कारागार में मौजूदा समय में 30 सीसीटीवी लगे हुए हैं। दो वर्ष पूर्व ही इन्हें लगाया गया था। फाइव मेगा पिक्सल के सीसीटीवी लगाने की जानकारी प्राप्त हुई है लेकिनए अभी इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। फाइव मेगा पिक्सल के सीसीटीवी जेल की सुरक्षा के लिए उपयोगी साबित होंगे।
उमेश सिंह-वरिष्ठ जेल अधीक्षक
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