Sanjay Verma vsanjay166@gmail.com

Thu, Mar 12, 6:59 AM (1 day ago)
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३४ सालोंं से १५ हजार बच्चों को दे चूके ट्रेनिंग
० क्रिकेट के लिये समर्पित किया पूरा जीवन
 संजय वर्मा


मेरठ । कहा जाता है कि हीरे की परख जौहरी को होती है। असली जौहरी वह होता है तो पत्थर को तराश की हीरा बना दे। मेरठ में  भी एक जौहरी है जो बिना किसी स्वार्थ के प्रतिभाओं को तराश की उन्हें मंजिल तक पहुंचा रहा है। ऐसे हुनरबाज आज  देश विदेश में शहर का नाम रोशन कर रहे है। हम बात कर रहे है क्रिकेट कोच अतहर अली की जो पिछले ३४ सालों से हीरों को तराशन में लगे हुए  है।
 शहर में जब क्रिकेट की बात  चलती है तो ऐसी कोई जगह नहीं  जहां कोच अतहर अली का नाम न आता हो। मेरठ ही नहीं बल्कि वेस्ट यूपी मे एक ऐसा नाम उनका बन चुका है जहां युवा अपने को निखारने के लिये उनसे कोचिंग  लेना चाहता है। घंटाघर निवासी कोच अतहर अली ने बीकाम की शिक्षा के बाद क्रिकेट को अपना कैरियर चुना। इसके बाद उन्होनें बकायदा क्रिकेट के रूप में वेस्ट यूपी में अपना नाम कमाया। उन्होने कई रणजी मैचों में अपनी प्रतिभा को दिखाया।  वर्ष १९८६ में कैलाश प्रकाश स्पोर्टस स्टेडियम में बकायदा १०० प्रति माह मेहताना से युवा क्रिकेटरों को ट्रेनिंग देनी आरंभ की। उस समय १०० युवा क्रिकेटर उनसे ट्रेनिेग लेने के लिये आते थे। १९९१में उनका मेहताना बढ्कर २०० रूपये प्रति माह हुआ। लेकिन क्रिकेट के प्रति जुनून अतहर इसकी मेहताना पर कार्य करते रहे। सन् २००० में तत्कालाीन जिलाधिकारी संजय अग्रवाल ने उनकी प्रतिभा व लगने को देखते हुए प्रा्रेत्साहन समिति से उनका मेहताना बढाकर १५०० रूपये प्रति माह कर दिया। उस समय ३५० बच्चे क्रिकेट की कोचिंग ले रहे थे। सन २००६ में उन्होनें कैलाश प्रकाश स्टेडिम से किन्हीं कारणों से कोचिंग छोड दी। उन्होने छावनी परिषद के मैदान पर भी क्रिकेटरों को क्रिकेट के गुर सिखाए। इसके पश्चात उन्होने अगस्त २००७ में  करन पब्लिक स्कूल की ओर रूख किया। जहां उन्होनें करन क्रिकेट एकेडमी को बनाया जहां पर उन्होने  हीरों को तराशन का कार्य आरंभ किया। तब से लगातार वह महिला व पुरूष युवा क्रिकेटरों को हुनरबाज बना रहे है। कोच अतहर अली ने किाया पूर्व रणजी खिलाडी मनोज मुदगल, परविन्दर सिंह , रोीिहत चौधरी, यूपी की टीम से खेल चुके है। करन शर्मा रेलवे,यजुवेन्द्र सिंह झारखंड  व भारतीय टीम में खेल चुके है। इसके अतिरिक्त अखिल  त्यागी, जावेद आलाम, सतेन्द्र यादव, आशु शर्मा, सुरेन्द्र सिंह, नवीन भारद्वाज,निश्चल चहल, अहमद उल्ला, पकंज भारद्वाज, दिनेश पंवार, विजय शर्मा कपिल राणा ,सौरभ कसाना आदि सैकडों युवाओं को कोचिंग दे चुके है। जो मेरठ का अन्य राज्यों में नाम रोशन कर रहे है। उन्होने उनके पास लडकियों भी क्रिकेट की ट्रेनिंग ले रही है। जिसमें जय देवी नगर की परूनिका का दिल्ली महिला टीम  अंडर १९ में बकायदा स्पिनर गेंदबाजी की बदौलत चयन हो गया है। इसके अतिरिक्त भूडपुर की खुशी ,व खुशबू व   प्रमोद नाम कर एक विकलांग भी ट्रेनिंग ले रहा  है। उन्होने  बताया एक दो महिला क्रिकेटरका पढाई का खर्चा वे स्वंय उठा रहे है। जिनकी पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन उनके अंदर प्रतिभा छिपी हुई है।
 उन्होने बताया शहर में जितने भी कोच क्रिकेट सिखा रहे है। उनमें से अधिकाशं उनके ट्रेनी रह चुके है। मेरठ के कई क्रिकेटर आज  अन्र्तराष्टï्रीय क्रिकेट खेल रहे है। जिन्हे कोचिंग देने का श्रेय मेरठ के ही कई कोच ले रहे है। इस सबंध में उन्होंने बताया मेरठ का केाई भी किकेटर ऐसा नहीं है जिसे उन्होनें कोचिंग न दी हो । लेकिन वह किसी विवाद में पडना नहीं चाहते है। उन्होने कहा उनका मिशन हीरों को तराश कर बाहर निकालने का निरंतर रहेगा। उन्होंने बताया उन्हे तब ज्यादा खुशी होती है। जब कि उनके सिखाए हुए किसी बच्चें का चयन जिला स्तरीय ,मंडल स्तरीय व यूपी टीम में चयन होता है। उन्होंने बताया किे वेअपने जीवन की आखिरी सांस तक युवाओं को क्रिकेट सिखाना चाहते है। जो सम्मान व प्यार उन्हे मिला है इसी सम्मान के साथ वे आखिरी दम तक किे्रकेट के साथ जुडा रहना चाहते है। अतहर अली ने बताया वैसे तो उन्हे समय -समय पर सामाजिक व शैक्षिक संस्थाओं ने सम्मानित किया है। लेकिन वे अपने आपको गौरवान्वित तब महसूस करते है। जअ उनके द्वारा प्रशिक्षित क्रिकेटर को राष्टï्रीय व अन्र्तराष्टï्रीय स्तर पर मेरठ का नाम रोशन करते हुए सम्मानित होता है।


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