चाचा के कहने पर सीबीसीआईडी ने अनस को फंसाया
-गढ़ रोड स्थित होटल में परिजनों ने की प्रेसवार्ता, खुलासे को नकारा
-पूर्व विधायक के विश्वासपात्र सिक्योरिटी गार्ड शारिब ने की हत्या

न्यूज प्रहरी 24मेरठ। बसपा के पूर्व विधायक हाजी अलीम की हत्या के सीबीसीआईडी टीम के खुलासे को उनके बड़े बेटे ने नकार दिया है। उसने सीबीसीआईडी के खुलासे पर सवाल उठाए हैं। उसने दावा किया है कि यह केस सीबीसीआईडी ने उसके चाचा के दबाव में आकर खोला है। हाजी अलीम के बेटे दानिश अली का आरोप है कि उनके चाचा यूनुस ने सीबीसीआईडी से सांठगांठ करते हुए इस मुकदमे की शुरू से पैरवी कर रहे उनके भाई अनस को फंसाने का काम किया है।

सोमवार को गढ़ रोड स्थित एक होटल में पत्रकार वार्ता के दौरान बसपा के पूर्व विधायक हाजी अलीम के बेटे दानिश अली ने बताया कि उनके पिता की हत्या उनके विश्वासपात्र सिक्योरिटी गार्ड शारिब ने की थी। पिता की हत्या के बाद मौके पर पहुंचे चाचा यूनुस ने सबूत मिटाने का काम किया। तीन दिन तक इस मामले में परिवार के कहने के बाद भी उन्होंने कोई कानूनी कदम नहीं उठाया। चाचा ने संपति को पाने के लिए ही उनके पिता की हत्या कराई है। उन्होंने अपनी और परिवार के अन्य लोगों की जान को भी खतरा बताते हुए सरकार से सुरक्षा की मांग की। अनस ने अपने पिता को न्याय दिलाने के लिए मुहिम छेडऩे की कोशिश की तो उसे भी डरा धमकाकर शांत करा दिया गया। समाज का दबाव बनता देख यूनुस ने तीन दिन बाद अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया। शुरू से ही इस मामले में चाचा यूनुस अनस को फंसाने का प्रयास करते रहे। उन्होंने सीबीसीआईडी के समक्ष भी कई बार अनस को हत्या में फंसाने को कहा था।

१० अक्टूबर २०१८ को हुई थी हत्या
बसपा के पूर्व विधायक हाजी अलीम की हत्या को पुलिस ने आत्महत्या बताते हुए एफआर भी लगा दी थी। सीबीसीआईडी ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए हाजी अलीम के पुत्र अनस को गिरफ्तार किया था। अब नए खुलासे को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। बुलंदशहर सदर सीट से लगातार दो बार वर्ष 2007 और 2012 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए सरायधारी निवासी हाजी अलीम का गोली लगा शव उनके बेडरूम से 10 अक्तूबर 2018 को मिला था। उसी समय से हत्या और आत्महत्या को लेकर गुत्थी उलझी रही। बेड से ही हाजी अलीम का पिस्टल मिला था। इसमें दो गोली चली थीं। एक गोली उनकी कनपटी पर लगी और दूसरी बैड में लगी थी। दो गोली चलने से लोगों में हत्या की बात कही गई।

अनस को दफ्तर में बुलाकर किया गिरफ्तार
पूर्व विधायक की पत्नी कमर जहां ने बताया कि अनस ने हत्याकांड को वर्कआउट कराने के लिए संघर्ष किया। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सचिव गृह, डीजीपी, एसएसपी बुलंदशहर व आला अधिकारियों से खुलासे की मांग की थी। हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दोबारा से विवेचना कराने की मांग की। नार्को टेस्ट की मांग की। तब जाकर यह केस सीबीसीआईडी को सौंपा गया। लेकिन बिना किसी वैज्ञानिक आधार पर सीबीसीआईडी ने अनस को गिरफ्तार कर लिया। अपने दफ्तर में बुलाया और मेरठ से गिरफ्तारी दिखा दी।

वैज्ञानिक साक्ष्यों को ध्यान में रखे सीबीसीआईडी
बताया कि देवर हाजी यूनुस के नाम समस्त संपत्ति का उत्तराधिकार प्राप्त है। इससे यूनुस को राजनैतिक व आर्थिक लाभ भी होने वाला है। सीबीसीआईडी इस पूरे मामले में तमाम वैज्ञानिक साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करें। हाजी यूनुस के चालक व गनर के साथ भी तहकीकात करें।

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