कुष्ठ रोग को दूर करने के लिये विभाग का चल रहा जागरूकता अभियान
न्यूज प्रहरी 24मेरठ । कुष्ठ रोग को लेकर जनपद में चलाये जा रहे अभियान में स्वास्थ्य विभाग को काफी सफलता मिल रही है। पिछले तीन सालों में यूपी के मेरठ के कुष्ठ रोग विभाग के प्रयास से 752 मरीजों को कुष्ठ रोग से मुक्ति मिल चुकी है। वर्तमान में 227 मरीजों का उपचार चल रहा है। लगातार चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों से लोगों में कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता तेजी से बढ़ी है।
जिला कुष्ठ अधिकारी डा धीरेन्द्र कुमार ने बताया वर्तमान में विभाग की ओर 227 कुष्ठ रोगियों का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है। विभाग की ओर से जागरूकता फैलाने के लिये लगातार प्रचार -प्रसार किया जा रहा है। चिन्हित कुष्ठ रोगियों को नियमित दवा उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने बताया वर्ष 2019-20 में अब तक 242 मरीजों को कुष्ठ रोग से मुक्त किया जा चुका है। इसमें दो बाल रोगी, 98 महिलाएं थीं। इसमें पॉसी बैसीलरी पीबी व मल्टी बैसीलरी एमबी के मरीज थे। उन्होंने बताया पीबी के मरीज को छह माह और एमबी के मरीज को 12 माह तक नियमित दवा का सेवन करना पड़ता है। नियमित उपचार से कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है। उन्होंने बताया 2017-18 में 312 मरीज मिले। इसी वर्ष 212 मरीज कुष्ठ से मुक्त हुए। 2018-19 में 260 नये मरीज चिन्हित किये गये और 298 मरीजों को कुष्ठ रोग से मुक्त किया गया। 2019-20 में 227 नये मरीज चिन्हित किये गये। उपचार से 242 मरीजों को कुष्ठ रोग से मुक्त किया गया। उन्होंने बताया जिले में खरखौदा ब्लॉक के अजराडा, हस्तिनापुर ब्लॉक के मोड खुर्द, दौराला ब्लॉक के लावड़ गांव, जानी ब्लॉक के गुनगेजा गांव, माछरा ब्लॉक के किठौर, भावनपुर ब्लॉक के भावनपुर, सरूपुर ब्लॉक के पिठलोकर व दबथुवा, परीक्षितगढ़ ब्लॉक के ललियाना में सबसे ज्यादा कुष्ठ रोगी पाये गये।
कुष्ठ विकलांग रोगियों को पेंशन
कुष्ठ से विकलांग हुए रोगियों को प्रतिमाह 2500 रुपये पेंशन मिलती है। कुष्ठ से विकलांग हुए रोगियों की नि:शुल्क सर्जरी की सुविधा मिलती है। सर्जरी के उपरांत तीन किस्तों में 8 हजार रुपये मानदेय मिलता है। नये कुष्ठ रोगी जिसमें विकलांगता के लक्षण नहीं हो, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अथवा अन्य किसी भी व्यक्ति द्वारा जांच के लिए सामुदायिक,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ,चिकित्सालय में लाने पर और कुष्ठ रोग की पुष्टि होने पर रजिस्ट्रेशन मानदेय के रूप में उन्हें 250 रुपये दिये जाते हैं। यदि ऐसे रोगी में विकलांगता परिलक्षित है तो 200 रुपये मानदेय और दिये जाते हैं। पीबी मरीज लाने पर 400 एवं एमबी मरीज लाने पर 600 रुपये प्रोत्साहन राशि आशा कार्यकर्ता को दी जाती है। आशा कार्यकर्ता को यह राशि कुष्ठ मरीज का उपचार पूरा होने पर दी जाती है।
कुष्ठ रोग की पहचान
शरीर पर हल्के रंग का समतल या उभरा हुआ दाग, चमड़ी का वह दाग जिसमें सुन्नपन हो हाथ पैर की नसों में मोटापन ,सूजन तथा झनझनाहट, हाथ और पैर के तलवे में सुन्नपन, हाथ तथा पैर में अपने आप छालों का पडऩा, चेहरे,शरीर तथा कान पर गांठ,घाव जो इलाज के बाद ठीक न हो, घाव जिसमें दर्द न होता हो, हाथ पैर आंख में कमजोरी होना, हाथ और पैर का पूरी क्षमता से काम न कर पाना आदि कुष्ठ रोग के लक्षण हैं।
संजयवर्मा
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