• मेरठ में हैं कई लक्ष्मी, जिनकी जिंदगी दर्द के बीच गुजर रही
  • तेजाब फेंकने की घटनाओं से पैदा हो चुका है सांप्रदायिक तनाव
  • २९ जून २००५ को मेरठ में हुई थी एसिड अटैक की पहली घटना


न्यूज़ प्रहरी 24X7 |मेरठ| लियाकत मंसूरीबॉलीवुड की फिल्म 'छपाकÓ शुक्रवार को रिलीज होंगी। इस मूवि को लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर बनाया गया है। वर्ष २००५ में लक्ष्मी के चेहरे पर तेजाब फेंका गया था। लक्ष्मी ने तेजाब बिक्री के खिलाफ मुहिम चलाई और अन्य लड़कियों की जिंदगी को तबाह होने से बचाया। 'छपाकÓ उस ध्वनि को कहा जाता है, जो किसी तरल पदार्थ पर चोट करने पर उठती है। मेरठ में ऐसों अनेकों लड़कियां और महिलाएं हैं, जिनके ऊपर एसिड अटैक हो चुका हैं। जिनकी जिंदगी नूर से भरी हुई थी, छपाक के बाद उनके जीवन में अंधेरा भर गया।

मेरठ में तेजाब फेंकने की पहली घटना २९ जून २००५ को हुई थी। शाहपीर गेट निवासी साबिर ने इंद्रा चौक पर युवती के ऊपर तेजाब फेंका था। वह युवती को पसंद करता था और उसके साथ शादी करना चाहता था। शादी से इंकार करने पर साबिर ने यह घटना की थी। इस घटना ने मेरठ में हड़कंप मचा दिया था। १6 जनवरी 2014 को मवाना में हुई तेजाब फेंकने की घटना ने सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दिया था। यहां काबलीगेट की रहने वाली एक छात्रा कॉलेज के लिए जा रही थी। रास्ते में कार सवार मोहल्ले के संप्रदाय विशेष के तीन युवकों ने उसे रोक लिया। इन युवकों ने दोस्ती का प्रस्ताव रखा और मना करने पर अगवा कर तेजाब डालकर हत्या करने की धमकी दी। घटना से काफी तनाव पैदा हो गया था।

18 साल में 22 पीडि़ताओं को मदद दिलाई
एसिड सरवाइवर्स एंड वूमेन वेलफेयर फाउंडेशन के पीआरओ (यूपी चेप्टर) चंद्रहास मिश्रा ने बताया कि मेरठ में उनका फाउंडेशन पिछले २० साल से काम कर रहा है। इस दौरान करीब 2५ एसिड अटैक पीडि़ताओं को आर्थिक मदद दिला चुका है। लेकिन अधिकांश मामलों में यही देखने में आया है कि अस्पताल पीडि़ताओं का बिना पैसे उपचार नहीं करते। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में हमने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर रखी है। पीडि़ताओं को आर्थिक मदद कम से कम 12 लाख रुपये देने, संपूर्ण इलाज मुफ्त करने और खुले में एसिड बिक्री पूरी तरह बंद करने की मांग है।

खुलेआम हो रही तेजाब की बिक्री
तेजाब बेचने के लिए किसी गाइड लाइन पर ध्यान नहीं दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइंस का उल्लंघन करके तेजाब बिक्री हो रही हंै। किसी भी दुकान पर तेजाब खरीदते समय आईडी नहीं मांगी जाती। युवाओं और बच्चों को भी तेजाब आसानी से मिल जाता है। लिसाड़ीगेट, नौचंदी, देहलीगेट और ब्रहमपुरी थाना क्षेत्र ऐसे हैं, जहां तेजाब की बिक्री ठेलों पर हो रही है। दुकान के बाहर भी बोतल रखी हुई मिल जाएगी।

तेजाब संबंधी दिशा-निर्देश
-तेजाब खरीदने वाले हर व्यक्ति का ब्यौरा दुकानदार को रखना होता है। एक आईडी की फोटोकापी भी दुकानदार को रखनी होती है।
-किसी किशोर को तेजाब बेचना अपराध है।
-इसके विरुद्ध 25000 रुपये जुर्माने का प्राविधान है।

ये तो हर जगह मिलता है
-सल्फ्युरिक एसिड: ज्यादातर इसे नमक वाला तेजाब कहते हैं। घरों में बाथरूम साफ करने में इसका प्रयोग किया जाता है।
-नाइट्रिक एसिड: इसका प्रयोग मोटर वाहनों के मैकेनिक करते हैं।
-हाईड्रोक्लोरिक एसिड: सोने-चांदी को साफ करने में इसका प्रयोग किया जाता है। सर्राफा व्यापारी इसका प्रयोग करते हैं।
-कई दुकानदार ऐसे हैं जो खुद ही तेजाब बना लेते हैं। चौक, ग्वालटोली, हटिया, बाबूपुरवा में तेजाब किसी फैक्ट्री में नहीं, बल्कि दुकानों में ही बन जाता है।

सजा
-बिना आईडी लिए तेजाब बेचने वाले दुकानदारों पर 25000 रुपये जुर्माने का नियम है। तीन बार पकड़े जाने पर तेजाब बिक्री पर बैन लगाया जा सकता है।
-एसिड अटैक करने वाले पर आईपीसी की धारा 329, 322, 325 के तहत मामला दर्ज होता है। अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।

मेरठ में हुई तेजाब फेंकने की बड़ी घटनाएं
१. परीक्षितगढ़ के सौंदत्त निवासी आसमां पुत्री ताहिर हुसैन ने बताया कि उसकी शादी २०११ में शहरयाब के साथ हुई थी। विवाह के २० माह बाद ही ससुरालियों ने उसके ऊपर तेजाब फेंक दिया था। उसका जीवन नर्क बन गया था। २०१६ में वह लखनऊ की संस्था 'शीरोजÓ से जुड़ी। शीरोज में आने के बाद मैं निडर और खुशहाल हो गई, लेकिन इस घटना के बाद डर बढ़ गया। मुझ पर तेजाब फेंकने वाले ने तो मजिस्ट्रेट के सामने ही मुझे बोला था कि बाहर आते ही तुम्हें मार देंगे। आसमां पर एसिड तब डाला गया जब वो गर्भवती थीं। घटना के बाद मेरा बच्चा मर गया।
२. शौकीन गार्डन निवासी उजमा की शादी खरखौदा क्षेत्र के पीपलीखेड़ा निवासी साजिद से हुई थी। ससुरालियों के उत्पीडऩ से तंग आकर उजमा मायके में रहने लगी और उसने पति के खिलाफ लिसाड़ीगेट थाने में केस दर्ज करा दिया था। २९ मई २०१५ की रात्रि उजमा परिवार के साथ छत पर सोयी थी। साजिद अपने साथी वसीम के साथ सीढ़ी लगाकर छत पर चढ़ा और दोनों ने मिलकर पूरे परिवार पर तेजाब फेंक दिया। जिसमें निसार, निस्कीना, तरन्नुम, गुलिस्ता, उजमा, निशा और समद झुलस गए थे।
३. फलावदा में जरीफुद्दीन के घर २९ जून २०१६ में तेजाब फेंकने की घटना हुई थी। अज्ञात हमलावर घर में घुसे और आंगन में सो रही बड़े बेटे अल्ताफ की पत्नी शिफा, छोटे बेटे शहजाद की पत्नी सानिया और उसकी बेटी शीबा पर तेजाब फेंक दिया था। पुलिस ने इस मामले में सानिया को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सानिया ने ही अपने प्रेमी के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था।
४. दौराला के रुहासा निवासी सीमा पुत्री मौसम की शादी तारापुरी निवासी सलीम पुत्र अलीशेर के साथ हुई थी। विवाद के चलते सीमा मायके में रह रही थी। चार जुलाई २०१५ को सलीम बैग में मिठाई और फल लेकर ससुराल पहुंचा। सलीम बाथरूम गया और वहां मिठाई के डिब्बे में रखी तेजाब से भरी बोतल निकाली। फिर बाल पकड़कर घसीटने के बाद सीमा को तेजाब से नहला दिया। उसे बचाने के लिए सीमा की मां मीना, भाई मासूम और भाभी नाजमा पहुंचीं तो सलीम ने उन पर भी तेजाब फेंक दिया। वारदात के बाद भाग रहे सलीम को ग्रामीनों ने पकड़ लिया था।
५. 16 दिसंबर 2013 को मवाना के मावी की रहने वाली अपराजिता पर शादी से इंकार करने पर तेजाब फेंका गया था। अपराजिता मटौरा में स्थित इंटर कॉलेज में ग्यारहवीं की छात्रा थी। बाइक सवार तीन युवकों ने बात करने से मना करने पर अपराजिता पर तेजाब उड़ेल दिया था।
६. शॉप्रिक्स मॉल में नौकरी करने वाली शिवानी त्यागी के ऊपर २२ नवंबर २०१८ को तेजाब फेंका गया था। परतापुर के ज्ञानचंद को गिरफ्तार किया गया था। वह शिवानी को पसंद करता था।
७. लालकुर्ती पैठ में दो महिला खिलाडिय़ों ने तेजाब फेंकने की घटना से हड़कंप मच गया था। २८ फरवरी १८ को हुई घटना का खुलासा बड़ा रौचक निकला। खिलाडिय़ों ने खुद ही तेजाब अपने ऊपर फिंकवाया था।
८. लिसाड़ीगेट के ऊंचा सद्दीकनगर निवासी हिना पर २९ जुलाई १९ को पड़ौसी युवक ने तेजाब फेंका था। बच्चों के विवाद में यह घटना हुई।
९. सरधना के पांचली में स्कूल से निकली छात्राओं पर बाइक सवार सांप्रदाय विशेष के युवकों ने तेजाब फेंक दिया था। ०६ जनवरी १४ को हुई इस घटना से सांप्रदायिक तनाव फैल गया था।

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