छात्रों की डिजिटल सुरक्षा सर्वोपरि”- प्रो संगीता शुक्ला 

सीसीएसयू में साइबर सुरक्षा कोर्स पर महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न 

मेरठ । चौधरी चरण सिंह विवि में शुक्रवार को  साइबर सिक्योरिटी के राज्य-स्तरीय कार्यक्रम के क्रियान्वयन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की गई। बैठक में C3iHub, IIT कानपुर तथा छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर की सात-सदस्यीय विशेषज्ञ टीम ने भाग लिया। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा स्वीकृत साइबर सिक्योरिटी पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालयों और उनके संबद्ध महाविद्यालयों में लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विश्वविद्यालय से संबद्ध सैकड़ों कॉलेजों के प्राचार्य एवं प्रतिनिधि ऑनलाइन-ऑफलाइन माध्यम से शामिल हुए।

बैठक की शुरुआत डॉ. सचिन कुमार, कार्यक्रम समन्वयक, द्वारा सभी अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का हार्दिक स्वागत करते हुए बैठक की कार्यवाही का संचालन किया और प्रो. भूपेंद्र सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता और प्रो. हरे कृष्ण , आईक्यूएसी समन्वयक ने इस राज्य-स्तरीय पहल के विभिन्न तकनीकी एवं शैक्षणिक पहलुओं पर सारगर्भित विचार-विमर्श की शुरुआत की।

इसके अतिरिक्त परिसर के प्रमुख अधिकारी एवं संकाय सदस्य  प्रो. बीरपाल सिंह, डायरेक्टर रिसर्च एंड डेवलपमेंट,कुलसचिव डॉ अनिल कुमार यादव,प्रो. जितेन्द्र सिंह, प्रोफेसर केके शर्मा,डॉ. नीरज सिंघल, डॉ. विवेक त्यागी,  डॉ. संदीप अग्रवाल, डॉ. मानव बंसल, प्रो. निवेदिता, प्रो एम के यादव, प्रो हिमांशु शर्मा, मितेंद्र गुप्ता, इंजी प्रवीण पंवार उपस्थित रहे।

प्रतिनिधिमंडल द्वारा विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए साइबर सिक्योरिटी, साइबर अवेयरनेस तथा साइबर हाइजीन से संबंधित प्रस्तावित कोर्सेस, ट्रेनिंग मॉड्यूल्स, डिजिटल कंटेंट एवं जागरूकता अभियानों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई।

उन्होंने कहा कि आज के समय में शिक्षक, विद्यार्थियों, किशोरों तथा महिलाओं में स्मार्टफोन व इंटरनेट उपयोग अत्यधिक बढ़ गया है, जिससे डिजिटल फ्रॉड, साइबरबुलिंग, फेक लिंक और बैंकिंग धोखाधड़ी जैसे खतरे भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में प्रत्येक विद्यार्थी को सुरक्षित डिजिटल व्यवहार सिखाना समय की आवश्यकता है।

प्रस्तावित योजना के अंतर्गत इस कार्यक्रम को वैल्यू एडेड कोर्स, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम या वोकेशनल स्ट्रीम में शामिल करने पर चर्चा आगे बढ़ाई गई।

 कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने  बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि “हमारे विद्यार्थी डिजिटल युग में अग्रसर हैं, इसलिए उनकी ऑनलाइन सुरक्षा, जागरूकता और संरक्षण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विश्वविद्यालय इस दिशा में किसी भी प्रकार का प्रयास करने से पीछे नहीं हटेगा। आईआईटी कानपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का सहयोग हमारे युवाओं के सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा।”

उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस पहल से छात्रों को रोजगार, प्रशिक्षण एवं स्टार्टअप अवसरों का नया आयाम मिलेगा।

बैठक में C3iHub की सीईओ डॉ. तनीमा हाजरा, सीएसओ डॉ. आनंद हांडा, वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक सुश्री नेहा श्रीवास्तव, उप परियोजना प्रबंधक डॉ. पल्लवी देते और श्री गौरव त्रिपाठी, तथा सीएसजेएमयू, कानपुर के प्रो. आर. के. द्विवेदी एवं श्री शैलेंद्र यादव ने सहभागिता की। टीम ने साइबर सिक्योरिटी कोर्स की संरचना, एलएमएस पहुँच, प्रशिक्षण प्रक्रिया, छात्र-पंजीकरण, जिला एवं महाविद्यालय समन्वयकों की नियुक्ति तथा क्रियान्वयन रणनीति पर विस्तृत प्रस्तुति दी।

बैठक में विश्वविद्यालय के डीन, निदेशक, समन्वयक, प्रशासनिक अधिकारी तथा निकटवर्ती महाविद्यालयों के प्राचार्यों ने भी भाग लिया। C3iHub टीम ने विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों—में इस कार्यक्रम के सुचारु संचालन में सहयोग का आश्वासन दिया।

बैठक में प्रस्तावित एमओयू एवं आगामी चरणों की कार्ययोजना पर सर्वसम्मति से विचार-विमर्श किया गया। यह साझेदारी विद्यार्थियों को सुरक्षित डिजिटल भविष्य के निर्माण में सक्षम बनाएगी।कार्यक्रम के अंत में  कुलसचिव द्वारा औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया, जिसमें उन्होंने सभी विशेषज्ञों, विश्वविद्यालय प्रशासन और उपस्थित प्राचार्यों का आभार व्यक्त किया।

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