मुजफ्फरनगर में जमानत प्रक्रिया में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर
एक जमानतदार 2008 में ही मृत,मुकदमा दर्ज, एक गिरफ्तार
मुज़फ्फरनगर। अभियुक्त नीरज उर्फ नीरज बाबा की जमानत प्रक्रिया में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ कि जिस जमानतदार का नाम कागज़ों में दर्ज किया गया, उसकी वर्ष 2008 में ही मृत्यु हो चुकी थी, जबकि दूसरे जमानतदार ने जमानत देने से साफ इंकार किया था। इस धोखाधड़ी के उजागर होने पर थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस ने मामले में एक आरोपी योगेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 2–3 अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी जल्द की जाएगी।
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कड़ी कार्रवाई की जा रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
अधिवक्ता योगेंद्र को जेल भेजा गया
सिविल लाइन, नगर कोतवाली और खालापार पुलिस की संयुक्त टीम सोमवार को कोर्ट पहुंची। जमानत खारिज होने के बाद आरोपित अधिवक्ता योगेंद्र को भारी विरोध के बीच न्यायालय से जेल भेज दिया गया। मौके पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही।


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