काशी टोल प्लाजा पर हंगामा,धरने पर बैठे किसान
मेरठ। मेरठ–दिल्ली एक्सप्रेसवे स्थित कांशी टोल प्लाजा पर गुरुवार सुबह को हंगामा खड़ा हो गया। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिला उपाध्यक्ष शनि शिशोला अपने परिवार के साथ दिल्ली से लौट रहे थे, तभी टोल कर्मियों ने महिलाओं और बच्चों के साथ अभद्रता कर दी। मामला गरमाते ही भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व में सैकड़ों किसान मौके पर पहुंच गए और तीन लेन को फ्री करा दिया। देखते ही देखते लेन नंबर 8, 9 और 10 पूरी तरह जाम हो गईं और किसानों ने वहीं सड़क पर हुक्का गुड़गुड़ाना शुरू कर दिया।
इसी दौरान टोल के कर्मचारियों की पहचान पर भी विवाद खड़ा हो गया। किसानों का आरोप है कि टोल पर शिफ्ट इंचार्ज के पद पर कार्यरत कर्मचारी असली में मुस्लिम युवक सनमुन खान है, लेकिन वह फर्जी नाम सुमित राणा बताकर नौकरी कर रहा था। जब किसानों ने उससे नाम और पहचान पूछी तो वह गोलमोल जवाब देने लगा। शक होने पर जब कागज मांगे गए तो पूरी पोल खुल गई। किसानों ने आरोप लगाया कि यह कर्मचारी न सिर्फ फर्जी पहचान पर नौकरी कर रहा है बल्कि किसान नेताओं से अभद्रता भी कर रहा था।
इसी बीच उत्तराखंड पुलिस कर्मचारी अजीत नेगी ने भी कर्मचारियों पर अभद्रता का आरोप लगाया। उनका कहना है कि उन्होंने अपना पुलिस कार्ड दिखाया, लेकिन टोलकर्मियों ने कहा यहां सिर्फ यूपी पुलिस का कार्ड मान्य है। इससे मौके पर मौजूद किसानों का गुस्सा और भड़क गया।
स्थानीय लोगों और किसानों ने बताया कि कांशी टोल प्लाजा पर इस तरह की घटनाएं पहले भी घट चुकी हैं। कभी कर्मचारियों द्वारा गाड़ियों के वाइपर तोड़ने, यात्रियों से गाली-गलौज करने और जबरन वसूली जैसे आरोप लगते रहे हैं। कुछ समय पहले बाउंसरों को भी यहां बुरी तरह पीटा गया था। भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसान के साथ दुर्व्यवहार और फर्जी पहचान पर नौकरी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा ये मामला सिर्फ टोल का नहीं बल्कि सिस्टम की लापरवाही का है। जब तक जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं होगी, किसान धरने से नहीं हटेंगे। फिलहाल टोल प्लाजा पर भारी पुलिस बल तैनात है और प्रशासन किसानों से बातचीत कर माहौल शांत कराने में जुटा हुआ है।


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