कोडिंग कफ सिरप प्रकरण में दोषी कंपनियों पर हो कड़ी कार्रवाई: केमिस्ट संगठन 

मेरठ। कोडिंग युक्त कफ सिरप के दुरुपयोग के मामलों में अपराध करने वाली दवा कंपनियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि कफ सिरप का निर्माण करने वाली कंपनियों की गहन जांच की जाए, तो सच्चाई स्वतः सामने आ जाएगी। ये कंपनियां भली-भांति जानती हैं कि उनकी यह दवा सामान्य उपचार हेतु बाजार में नहीं बिकती है, बल्कि पूरी खेप नशे के उद्देश्य से पूर्व निर्धारित नेटवर्क के माध्यम से विभिन्न केंद्रों तक पहुंचाई जाती है। 

यह विचार मेरठ में आयोजित रिटेल केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के पदाधिकारियों की चर्चा के दौरान प्रमुखता से सामने आए। पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि ऐसी दवाइयों की बिक्री केमिस्टों के माध्यम से नहीं होती। जहां किसी दवा का उपयोग उपचार के स्थान पर नशे के लिए किया जा रहा हो, वहां मूल रूप से दोषी दवा निर्माता कंपनी ही है। कंपनियों द्वारा बनाए गए इस अवैध सप्लाई नेटवर्क को नष्ट किया जाना अत्यंत आवश्यक है। दवा विक्रेता किसी भी रूप में अपराधी नहीं है। 

प्रदेश अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल ने कहा कि संगठन का प्रमुख उद्देश्य एक्सपायरी दवाओं की समय-सीमा से संबंधित अधिकारों को पुनः प्राप्त करना है, जिसके लिए आवश्यकता पड़ी तो कठिन से कठिन संघर्ष भी किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश भर के दवा विक्रेताओं से एकजुट होने की अपील की। 

प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सैनी ने कहा कि किसी भी संस्था को दवा व्यापारियों का शोषण नहीं करने दिया जाएगा। सभी दवा कंपनियों से व्यापारिक व्यवहार वर्ष 1983 के एग्रीमेंट के अनुसार ही होगा। जो कंपनियां निर्धारित मार्जिन नहीं देंगी, उनका माल रखना बंद किया जाएगा। 

प्रदेश कोषाध्यक्ष प्रवीण वाजपेई ने केमिस्टों से उन लोगों की पहचान करने का आह्वान किया, जिन्होंने सरकार द्वारा जीएसटी कम किए जाने के स्वागतयोग्य निर्णय के बावजूद कंपनियों के दबाव में 12 प्रतिशत की दर से माल बेचने में उनकी सहायता की। सम्मेलन में वरिष्ठ उपाध्यक्ष गाजीपुर के पुनीत सिंगल, प्रयागराज के लालू मित्तल, हापुड़ के राकेश गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। 

इस सम्मेलन का आयोजन रिटेल कैमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर एसोशियेशन , मेरठ द्वारा किया गया, जिसमें अध्यक्ष अतुल मोहन शर्मा, महामंत्री अरुण शर्मा, कोषाध्यक्ष राम अवतार तोमर एवं संगठन मंत्री रोहित आनंद सहित अन्य पदाधिकारियों ने व्यवस्थाओं की कमान संभाली। सम्मेलन के दौरान संगठन के लिए सक्रिय रूप से कार्य करने वाले 70 पदाधिकारियों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। 


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