पहले किया था स्टांप घोटाला, अब फर्जी जमानत के प्रयास में धरा 

-पुलिस की जांच में दारोगा से लेकर अधिवक्ता सभी फर्जी पाए गए

-पकड़ा गया आरोपी स्टांप घोटाले का है मुख्य आरोपी, बाकी की तलाश

मेरठ। स्टांप घोटाले का मुख्य आरोपी अब फर्जी जमानती के आधर पर जमानत कराने के प्रयास में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के अभी सात आरोपी फरार है। इनमें फर्जी दारोगा से लेकर अधिवक्ता भी शामिल है, जिनकी तलाश में पुलिस की टीम लगी है।     

पुलिस लाइन सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया, वर्ष  2024 स्टांप घोटाले हुआ था। इस घोटाले में स्टांप विक्रेता अक्षय गुप्ता निवासी सूरजकुण्ड थाना सिविल लाइंस मुख्य आरोपी था और उस पर विभिन्न थानों कई मुकदमे दर्ज हुए थे। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल से ही आरोपी ने जमानत के लिए सीजेएम  कोर्ट में आठ जमानती खड़े किए थे। कोर्ट ने सिविल लाइंस थाना पुलिस से जमनातियों के सत्यापन की रिपोर्ट मांगी थी। एसपी सिटी ने बताया, जमानतियों सत्यपान कराया गया तो सभी जमानती फर्जी  पाए गए। 

दरोगा, वकील और जमानती सभी फर्जी निकले

एसपी सिटी ने बताया, जमानतियों दस्तावेज पर  थाना लालकुर्ती के दारोगा हरपाल और थाना टीपीनगर के दरोगा रंजीत का नाम लिखा था। जांच की गई तो ये दोनों दारोगा थानों और जिले में तैनात नहीं मिले और फर्जी निकले। इनके अलावा जमानती मोनू, दीपक, अजय, रोशन, पंकज और भारत भी  पुलिस की जांच में फर्जी निकले। जमनाती दस्तावेजों पर अधिवक्ता नबी हसन जैदी की मोहर लगी थी। जांच की गई तो इस नाम का कोई अधिवक्ता नहीं मिला। जांच के बाद सिविल लाइंस थाने की पुलिस ने मंगलवार रात एसआई अंकित कुमार की तहरीर पर अक्षय गुप्ता निवासी लक्ष्मीनगर सूरजकुंड, दीपक, सोनू निवासीगण मुल्ताननगर थाना टीपीनगर मेरठ, अजय, रोशन, पंकज,  भारत निवासीगण  कसेरुखेड़ा थाना लालकुर्ती व नवी हसन जैदी के  खिलाफ धोखाधड़ी करके कूटरचित दस्तावेज और फर्जी उपनिरीक्षक की रिपोर्ट एवं मोहर का उपयोग कर साजिश रचने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया और मुख्य आरोपी अक्षय गुप्ता को कस्टडी रिमांड पर लाने के बाद इस नए मुकदमे में जेल भेज दिया।


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