मेरठ के 14 थाना क्षेत्रों में चिन्हित किए गए 27 क्रिटिकल कॉरिडोर

-मिशन शक्ति केन्द्र प्रभारी एवं क्रिटिकल कॉरिडोर प्रभारियों के साथ समीक्षा गोष्ठी

मेरठ। डीआईजी रेंज ने शिविर कार्यालय पर  क्षेत्राधिकारी सिविल लाइन, कैण्ट मेरठ, थाना सदर बाजार व नौचंदी के मिशन शक्ति केन्द्र प्रभारी एवं क्रिटिकल कॉरिडोर प्रभारियों के साथ समीक्षा गोष्ठी की।

गोष्ठी के दौरान थाना सदर बाजार व नौचंदी के मिशन शक्ति केन्द्रों पर प्रचलित 08 प्रकार के रजिस्टर चैक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। मेरठ के 14 थाना क्षेत्रों में 27 क्रिटिकल कॉरिडोर चिन्हित किए गए। प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिए उप्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति विशेष अभियान एवं जनपदों में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए चलाए गए जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिकट कार्यक्रम के सम्बन्ध में पुलिस उप महानिरीक्षक कलानिधि नैथानी द्वारा समीक्षा बैठक की गई, जिसमें क्षेत्राधिकारी सिविल लाइन अभिषेक तिवारी एवं क्षेत्राधिकारी कैण्ट नवीना शुक्ला तथा थाना सदर बाजार व थाना नौचंदी के मिशन शक्ति केन्द्र प्रभारी एवं जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिकट कार्यक्रम के अन्तर्गत क्रिटिकल कॉरिडोर प्रभारी मौजूद रहें।

28 प्रार्थना पत्र आए, 13 पर हुई एफआईआर

मिशन शक्ति केन्द्र पर अभियान की अवधि में 28 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें 15 पर काउन्सलिंग कराई गयी। एण्टी रोमियो स्क्वाड द्वारा 248 स्थानों पर 537 व्यक्तियों की चेकिंग की गयी, महिला बीट रजिस्टर के अनुसार महिला कर्मियों द्वारा 13 बार बीट भ्रम कर 74 जागरुकता कार्यक्रम किए गए। प्राप्त प्रार्थना पत्रों पर 11 एफआईआर दर्ज की गयी। थाना नौचन्दी में 55 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें 27 पर काउन्सलिंग कराई गयी, एण्टी रोमियो स्क्वाड द्वारा 83 स्थानों पर 314 व्यक्तियों की चेकिंग की गयी, महिला बीट रजिस्टर के अनुसार महिला कर्मियों द्वारा 20 बार बीट भ्रम कर 120 जागरुकता कार्यक्रम किए गए। प्राप्त प्रार्थना पत्रों पर 13 एफआईआर दर्ज की गई।

डीआईजी ने क्रिटिकल टीम नियुक्त की

मेरठ के 14 थाना क्षेत्रों में 27 क्रिटिकल कॉरिडोर चिन्हित किए गए हैं, प्रत्येक पर थानावार 1 उपनिरीक्षक व 4 मुख्य आरक्षी की क्रिटिकल टीम नियुक्त की गयी है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में होने वाले व्यक्तियों की मृत्यु की संख्या को कम करना है। जनपद के वह थाने जिन क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं में अधिकतम जनहानि हुई है, उन्हें क्रिटिकल पुलिस स्टेशन के रुप में चिन्हित किया जाए।

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