शोध ही वह बुनियाद है जिस पर एक बेहतर समाज का निर्माण किया जा सकता - डा. विवेक
एलएलएम के छात्रों के एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
मेरठ। विधि अध्ययन संस्थान, सीसीएसयू द्वारा एलएल.एम. के छात्र-छात्राओं के लिये “विधि शोधः उपकरण और पद्धतियाँ” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
संस्थान के समन्वयक डा. विवेक कुमार ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुये कहा कि विधि क्षेत्र में शोध की महत्ताओं पर प्रकाश डालते हुये बताया कि शोध ही वह बुनियाद है जिस पर एक बेहतर समाज का निर्माण किया जा सकता है। विधि शोध में विभिन्न प्रकार की पद्धतियों का प्रयोग किया जाना ओर उन्होने अनुभवजन्य अनुसंधान करने के लिये प्रेरित किया। श्री आशीष कौशिक, सहायक आचार्य जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि शोध इस दृष्टि से क्रियान्वित करना चाहिए कि जिसके परिणाम स्वरूप सामाजिक विकास और उत्थान को गति मिलें। आगे उन्होंने कहा कि शोध पद्धतियों में सर्वश्रेष्ठ शोध पद्धति अनुभवजन्य अनुसंधान है। यह अनुसंधान शोध को सीधा समाज से जोड़ता है जिससे कि शोध का मुख्य उद्देश्य सामाजिक विकास को प्राप्त किया जा सकता है।
डा. सुदेशना ने कहा कि एक शोधकर्ता को खुले विचारों वाला और आत्म चिंतनशील होना चाहिए। डा. विकास कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि शोध एक बौद्धिक अभ्यास है जिसमें धीरज और धैर्य की आवश्कयता होती है। डा0 सुशील कुमार शर्मा ने डाटा संग्रहण करने विभिन्न उपकरणो पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में एलएल.एम. के छात्र-छात्राओं ने अपने शोध शीर्षक जैसे साईबर क्राईम, पीड़ित संरक्षण, अपराधशास्त्र, कारागार सुधार, महिलाओं के विरूद्ध अपराध, बाल अपराध, बाल लैंगिक उत्पीड़न आदि जैसे ज्वलंत विषयों पर शोध प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री आशीष कौशिक द्वारा किया गया। डा. सुदेशना ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में छात्र-छात्रा नेहल, निशा, अरिशा, शिवी, सोनाली, निरंकार, विशाल, वंश, विकास दत्त शर्मा आदि उपस्थित रहे।


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