लेखिका कोमल रामचंदानी के काव्य संग्रह 'जीवन बगिया महकाएंगे' का भव्य विमोचन
इंदौर। वामा साहित्य मंच के सौजन्य में लेखिका कोमल रामचंदानी के बहुप्रतीक्षित प्रथम काव्य संग्रह 'जीवन बगिया महकाएंगे' का विमोचन समारोह अत्यंत भव्यता के साथ संपन्न हुआ। यह संग्रह प्रतिष्ठित शिवना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है।
कार्यक्रम का पवित्र शुभारंभ माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलन के साथ मंचासीन अतिथियों ने किया। वाग्देवी स्तुति वाणी जोशी ने प्रस्तुत की, जिसके बाद वामा साहित्य मंच की अध्यक्ष ज्योति जैन ने स्वागत उद्बोधन में कहा लेखिका कोमल रामचंदानी ने अपनी प्रेरणादायक यात्रा में आत्मविश्वास और सकारात्मकता के बल पर 'फाइटर से राइटर' बनने का सफर तय किया है। उन्होंने बताया कि किस तरह बड़ी बीमारी (कैंसर) के बाद, उन्होंने नई ऊर्जा से लेखन पथ पर आगे कदम बढ़ाए और अपने 'जीवन की बगिया को महकाया', जिससे खुशियों के पुष्प खिले हैं। सबका साथ हो तो दुनिया का हर नैराश्य आशा में बदल जाता है और जब तक जीवन है, हमें यह सकारात्मकता बांटते चलना चाहिए। उन्होंने कैंसर को अपना दोस्त और गुरु बताया, जिसने उन्हें बहुत कुछ सिखाया।
परिवार की पाती लेखिका के पिता मनोहर दरयानी ने पढ़ी। इसके पश्चात काव्य संग्रह का विमोचन हुआ, जिसकी सबसे खास बात यह है कि इसका सुंदर चित्रांकन लेखिका की पुत्री दीया रामचंदानी ने किया है। लेखिका ने पुस्तक के विषय में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह सकारात्मकता से भरी कविताओं का संग्रह है, जिसे उन्होंने आत्म-सुधार, जीवन को जीने के ढंग, कैंसर रोगियों और मानसिक दशा में सुधार के लिए लिखा है। उन्होंने अपनी बेटी के साथ मिलकर विजन बोर्ड बनाया था। जिसमें आशावादी रहकर चित्र और कविता के माध्यम से अपने सपनों को साकार किया है। उनकी पुत्री दीया ने कहा कि यह हम मां बेटी का सपना सच होने जैसा है और उनका तथा उनकी माँ का प्रयास सबकी जीवन बगिया को भी महका देगा।
मुख्य वक्ता श्री पंकज सुबीर ने लेखिका का स्वागत करने उमड़े लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज लग रहा है नायकों की परिभाषा बदल गई है और आज एक लेखक का नायक की तरह स्वागत किया जा रहा है। उन्होंने दीया के चित्रांकन की विशेष प्रशंसा करते हुए कहा कि संग्रह की कविताएं पाठकों को जीवन की चुनौतियों के बीच भी आशा और सकारात्मकता से जोड़े रखेंगी। डॉ. भारत रावत ने भी काव्य संग्रह की भूरी-भूरी प्रशंसा की और उसे सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने वाली एक महत्वपूर्ण औषधि बताया। इसमें लेखिका बड़े विश्वास के साथ आगे बढ़ने की सोच और परिस्थितियों का सामना करने का साहस देती हैं। यह कविताएं इतनी उम्दा है कि इनमें नकारात्मकता का नामोनिशां नहीं है।
कार्यक्रम में अतिथि स्वागत मनोहर दरयानी, मंजू मिश्रा, विनीत रामचंदानी, उषा गुप्ता, प्राची रामचंदानी, रश्मि चौधरी, राजकुमारी रामचंदानी और संदीप रामचंदानी ने किया। कार्यक्रम का सुव्यवस्थित संचालन डॉ. गरिमा दुबे ने किया और आभार प्रियंका मोक्षमार ने व्यक्त किया।


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