सुभारती विवि में में सजी सुर और तान की कार्यशाला तो आधी आबादी को व्यक्तिगत आजादी बताई

सुभारती में संस्कृति, सुरक्षा एवं दिव्यांगजनों को स्वालंबी बनाने के लिए हुआ सर्वेक्षण का आयोजन 

मेरठः स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में एक ओर जहाँ मंच कला विभाग ने संगीत और नृत्य की विविध विधाओं पर आधारित एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, तो वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय के सुभारती विकलांगता परामर्श सेवा केंद्र द्वारा गाँव सिंधावली में दिव्यांगजनों के लिए सर्वेक्षण अभियान चलाया गया। इसके अतिरिक्त महिलाओं को व्यक्तिगत सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए जागरुकता सत्र का आयोजन हुआ। 

नंदलाल बोस कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स के सत्यजीत रे सभागार में मंच कला विभाग एवं समिति का एक्शन थ्रू म्यूजिक संस्था, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ संकायाध्यक्ष प्रो. पिंटू मिश्रा और विभागाध्यक्ष प्रो. भावना ग्रोवर द्वारा अतिथियों के स्वागत से किया गया। जिसके बाद मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई। मंच कला विभाग के विद्यार्थियों ने मां सरस्वती वंदना जयति जय जय मां सरस्वती जयति वीणा वादिनी प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विभागाध्यक्ष डॉ. भावना ग्रोवर ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को संगीत और मंच प्रस्तुति के व्यावहारिक तत्वों से परिचित कराना है। 

प्रथम सत्र में दिल्ली से आए डॉ. रंजन कुमार ने अपनी मोहन वीणा वादन की अद्भुत प्रस्तुति से सभी श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। तबले पर उनकी संगति सुकांत बाजपेई ने की। इसके बाद विदुषी मालविका भट्टाचार्य ने राग मधुवंती में अपनी मधुर गायकी से समां बाँधा, तबले पर फरदीन हुसैन और हारमोनियम पर मेराज खान ने संगत दी। दर्शकों के आग्रह पर उन्होंने हे री मैं तो प्रेम दीवानी भजन भी प्रस्तुत किया। तीसरी प्रस्तुति दिल्ली के युवा कथक कलाकार उत्कर्ष शंकर मिश्र की रही, जिन्होंने राग कलावती और राग मालकोश में नृत्य की अद्भुत झलकियां दीं। कार्यक्रम के दूसरे चरण में डॉ. संघमित्रा चक्रवर्ती द्वारा लिखित पुस्तक इंडियन म्यूजिक इन द लाइट का वेदांत का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में प्रो. जया शर्मा (हापुड़), डॉ. निशा शर्मा (कनोहर लाल डिग्री कॉलेज, मेरठ), डॉ. निभी, अनूप सिंघल सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ. श्वेता चौधरी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन मंच कला विभागाध्यक्ष डॉ. भावना ग्रोवर ने दिया।

वहीं दूसरी ओर सुभारती विश्वविद्यालय के सुभारती विकलांगता परामर्श सेवा केंद्र द्वारा शारीरिक शिक्षा विभाग के सहयोग से गाँव सिंधावली में दिव्यांगजनों के लिए सर्वेक्षण अभियान चलाकर उन्हें शिक्षा व अन्य लाभों के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर सुभारती शिक्षा संकायाध्यक्ष एवं सुभारती दिव्यांग सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. संदीप कुमार ने टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और सर्वेक्षण की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं। सर्वेक्षण का नेतृत्व केंद्र की समन्वयक दीपिका चौधरी (सहायक प्रोफेसर, शारीरिक शिक्षा विभाग) और डॉ. अंकित जादौन ने किया। शिक्षा संकाय के 19 छात्रों ने सक्रिय भागीदारी कर सर्वेक्षण को सफल बनाया।

“चुप्पी तोड़ना: स्पर्श, सहमति और व्यक्तिगत सुरक्षा के प्रति जागरूकता”

एक अन्य कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद सुभारती  विश्वविद्यालय, मेरठ में “चुप्पी तोड़ना: स्पर्श, सहमति और व्यक्तिगत सुरक्षा के प्रति जागरूकता”विषय पर एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र की विशेषज्ञ वक्ता डॉ. निशा सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, मैनेजमेंट कॉलेज, सुभारती विश्वविद्यालय रहीं, जिन्होंने बहुत ही प्रभावशाली व सरल ढंग से छात्राओं को “गुड टच”, “बैड टच” और “कंसेंट” की महत्ता समझाई। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की 87 छात्राओं ने भाग लिया, जिनके साथ विभिन्न कॉलेजों की महिला अध्यापिकाएँ भी उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. संदीप कुमार ने विशेषज्ञ का स्वागत किया और छात्राओं को जागरूक एवं सशक्त बनने के लिए प्रेरित किया।इस कार्यक्रम की संयोजक डॉ. मंजू अधिकारी, सचिव, महिला सशक्तिकरण समिति रहीं। उन्होंने विश्वविद्यालय की सीईओ डॉ. शल्या राज एवं  कुलपति प्रो.(डॉ.) पी.के.शर्मा का इस प्रकार के प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित करने हेतु प्रोत्साहन देने के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही डॉ. अंशुल, चेयरपर्सन, महिला सशक्तिकरण समिति को इस कार्यक्रम का समन्वय करने का अवसर प्रदान करने हेतु धन्यवाद दिया। सत्र का समापन संवादात्मक चर्चा के साथ हुआ, जिसमें छात्राओं ने आत्मरक्षा और जागरूकता के प्रति दृढ़ संकल्प लिया।

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