सुभारती मेडिकल कॉलेज ने रचा इतिहास
भारत में पहली बार बाईपास हार्ट सर्जरी वाल्व व सीआरटी-डी मशीन लगाई एक साथ
मेरठ। सुभारती विवि के हृदय सर्जरी विभाग ने छत्रपति शिवाजी सुभारती अस्पताल के साथ मिलकर एक नया कीर्तिमान बनाया है। यहां के हृदय सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अंकुर अग्रवाल और उनकी टीम ने एक अड़सठ वर्षीय रोगी के खराब वाल्व को काटकर चमड़े का नया आर्टिफिशियल वाल्व को लगाने की और दिल की धड़कनों को सामान्य रखने के लिए सीआरटी-डी सर्जरी की प्रक्रिया को एक साथ अंजाम दिया।
इस मामले में भी मरीज को ऐसी ही समस्या थी और ये परेशानी इतनी पुरानी थी कि इलाज न मिल पाने के कारण मरीज का दिल सिर्फ 20% ही काम कर रहा था। इस मरीज का इलाज करते हुए सुभारती मेडिकल कॉलेज के हृदय सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर की टीम ने ओपन हार्ट सर्जरी द्वारा पहले तो खराब वाल्व को काटकर चमड़े का कृत्रिम वाल्व लगाया। इसके बाद मरीज की जांच करने पर पता चला कि मरीज की धड़कन की तारों की भी परेशानी थी जिससे दिल के दोनों तरफ के हिस्से साथ में नहीं धड़क रहे थे।
ऐसे में मरीज को बायपास के बाद भी अचानक धड़कन रुकने का बहुत बड़ा खतरा होता है। इसके लिए पेसमेकर की तरह धड़कन को ठीक रखने के लिए सीआरटी-डी मशीन लगायी जाती है जो कि धड़कनों को ठीक रखती है। इस मरीज को भी यहां इसी मशीन को ऑपरेशन के दौरान ही ये मशीन लगाई गई। गौरतलब हो कि ये दोनों ही ऑपरेशन में जान का खतरा होता है और भारत में पहले कभी ये दोनों ऑपरेशन साथ में नहीं किए गए हैं। सुभारती अस्पताल ने इस मरीज का बाईपास कर और सीआरटी-डी मशीन को एक साथ लगाकर इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक संपन्न किया। कार्डियक एनेस्थीसिया एवं आईसीयू इंचार्ज डॉ जगदीश की देखरेख में मरीज को एक हफ़्ते में स्वस्थ हाल में घर भेज दिया गया।


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