बढ़ते ध्वनि प्रदूषण से आक्रमक हुए कुत्ते

मेरठ में दीपावली के बाद से बढ़ रहे कुत्ते काटने के मामले 

 मेरठ। जिले में  प्रदूषण का स्तर बढ़ने से जहां हवा की गुणवत्ता खराब होकर सांस के मरीज बढ़ रहे हैं तो ध्वनि प्रदूषण के कारण भी समस्या बढ़ रही हैं। जिला अस्पताल के एंटी रेबीज विभाग में डॉग बाइट के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं डॉक्टरों ने इसका कारण इन दिनों आसपास में तेज शोर के कारण कुत्तो का आक्रमक होना बताया है।

जिला अस्पताल में रोजाना लगभग 140 मरीज एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने जा रहे हैं, इसके साथ ही सीएचसी , पीएचसी केंद्रों पर भी इन इंजेक्शनों की सुविधा मरीजों को दी जा रही है। सुबह से ही इंजेक्शन लगवाने वालों की लंबी लाइन जिला अस्पताल में लग रही है। पहले यह संख्या 110 तक जाती थी लेकिन अब कुछ दिनों से इसमें बढ़ोतरी हुई है ।

शोर के कारण बदला कुत्तों का व्यहवार

जिला अस्पताल के एंटी रेबीज विभाग की डाॅ अन्नु गुप्ता ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़ने से कुत्तों का व्यहवार बदला है। उनके अंदर चिड़चिड़ापन होने से कुत्ते आक्रमक हो गए हैं । इसलिए अब कुछ दिनों से डाॅग बाइट के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। ज्यादा शोर होने के कारण कुत्ते बेचैन हो जाते है या फिर घबराकर सामने वाले व्यक्ति से खुद को खतरा मानते हुए उसपर हमला कर देते हैं।

अस्पताल में सिरम की कमी

जिले भर में डॉग बाइट के मामलों में बढ़ोतरी होने के बाद भी अस्पताल में सिरम की कमी है। पीएल शर्मा जिला अस्पताल में ही सिरम मिलता है लेकिन वहां भी जब सिरम आता है तो एक हफ्ते से ज्यादा नहीं चलता है। ऐसे में अस्पताल का स्टाफ मरीज को दिल्ली रेफर कर देता है या प्राइवेट में लगवाने की बात कहकर भेज देता है।


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