सांसद बोले- वंदे मातरम से विरोधियों को बेनकाब करेगी भाजपा- डा लक्ष्मी कांत वाजपेयी
वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर 8-15 नवंबर तक विभिन्न कार्यक्रमों को होगा आयोजन
मेरठ। राज्यसभा सांसद डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कहा कि वंदे मातरम स्वतंत्रता संग्राम में जय का उद्घोष था। इसी कारण तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाने का काम किया था। विरोध आज तक जारी है केवल चेहरे बदले हैं। भारतीय जनता पार्टी वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे करने पर उत्सव मनाएगी और देश की युवा पीढ़ी के सामने इसके विरोधियों को बेनकाब करेगी।
सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता कर राज्यसभा सांसद डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेयी, सांसद अरुण गोविल, महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी, कैंट विधायक अमित अग्रवाल और कमल दत्त शर्मा ने संयुक्त रूप से 8 नवंबर से 15 नवंबर तक होने वाले कार्यक्रमों के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि 1 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर उत्सव के रूप में मानने और राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम करने का निर्णय लिया था। इस श्रृंखला में यह कार्यक्रम आयोजित होंगे।
वंदे मातरम के विरोधी होंगे बेनकाब
डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और वंदे मातरम गीत के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से परिचित कराना है। युवाओं को यह भी बताया जाएगा की समय-समय पर किस तरह से इसका विरोध किया गया और कौन इसका विरोध जताने वाले थे।
वर्तमान में जारी है वंदे मातरम का विरोध
राज्यसभा सांसद ने कहा कि नगर निगम की बोर्ड बैठक में वंदे मातरम का विरोध किसी से छिपा नहीं है। जबकि यह वही वंदे मातरम है जिसे गाते हुए देश को स्वतंत्रता दिलाने वाले हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए। कांग्रेस शुरू से इसका विरोध करती रही है। शुरुआत तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष मौलाना अली ने की। अकबरुद्दीन ओवैसी भी शासन के उस निर्णय का विरोध कर चुके हैं जिसके अंतर्गत स्कूलों में इसे अनिवार्य किया गया था। इस मौके पर सांसद अरूण गोविल , मेयर हरिकांत अहलूवालिया, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तौगी, कमल दत्त शर्मा ,मीडिया प्रभारी अमित शर्मा आदि मौजूद रहे।
ये आयोजित होंगे कार्यक्रम
- 8 से 15 नवंबर तक जिला मुख्यालयों पर सामूहिक वंदे मातरम का गायन होगा।
- प्रत्येक विधानसभा स्तर पर सांसद और विधायक के नेतृत्व में कार्यक्रम होंगे।
- मंडल स्तर पर वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सामूहिक वंदे मातरम गायन होगा।
- जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में तिरंगा यात्रा, प्रभात फेरी, बाइक रैली निकली जाएगी।
- जिला व राज्य स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे।
- स्कूलों में निबंध, कविता और चित्रकला प्रतियोगिता के साथ सामूहिक गायन होगा।


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