सहारा समूह के निदेशक ओ पी श्रीवास्तव गिरफ्तार

 ₹1.79 लाख करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी का बड़ा एक्शन

सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद गुप्त संपत्ति बिक्री में शामिल होने का संदेह; कोलकाता से हुई गिरफ्तारी

नई दिल्ली/कोलकाता।  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सहारा समूह के निदेशक ओ पी श्रीवास्तव को करीब ₹1,79,000 करोड़ के विशाल मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) मामले में गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों के अनुसार, श्रीवास्तव पर निवेशकों से धोखाधड़ी करने और अवैध रूप से अर्जित धन को शेल कंपनियों (Shell Companies) के माध्यम से घुमाने का गंभीर आरोप है।

ईडी अधिकारियों ने बताया कि श्रीवास्तव को पूछताछ के लिए कोलकाता स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में बुलाया गया था। दिनभर चली लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जांच एजेंसी का कहना है कि पूछताछ के दौरान श्रीवास्तव संघीय एजेंसी को गुमराह करने की कोशिश कर रहे थे और पोंजी फर्मों से जुड़ी धोखाधड़ी पर सही जानकारी नहीं दे रहे थे।

सूत्रों ने श्रीवास्तव को एक प्रमुख व्यक्ति और "निर्णय लेने वाले" (Decision Maker) निदेशक के रूप में वर्णित किया है। उन पर यह भी संदेह है कि वह सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद संगठन की संपत्तियों की गुप्त बिक्री में शामिल रहे थे।

707 एकड़ जमीन जब्त होने के बाद जांच के दायरे में

 जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि श्रीवास्तव हाल ही में ईडी की जांच के दायरे में तब आए, जब एजेंसी ने समूह की 707 एकड़ जमीन जब्त की थी। इस गहन जांच के दौरान ही उनका नाम सामने आया, जिसके बाद ईडी ने शिकंजा कसा।

ईडी का आरोप है कि निवेशकों से धोखाधड़ी के इस विशाल मामले में श्रीवास्तव की अहम भूमिका है और उनकी गिरफ्तारी से समूह के भीतर धन के अवैध लेन-देन और संपत्ति की बिक्री से जुड़े कई राज सामने आ सकते हैं।

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