आज  सेंट्रल मार्केट में ध्वस्तीकरण  की  होगी कार्रवाई , ड्रोन से निगरानी 

  कार्रवाई से पहले ही  व्यापारियों ने दुकानों को खाली  किया 

पहले कटेगी बिजली फिर होगा दुकानों को ध्वस्तीकरण 

 मेरठ।सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हथोड़ा आज मेरठ के सैंट्रल मार्केट में बनी अवैध 22 दुकानों पर चलने वाला है। इसके लिए आवासा विकास व पुलिस  प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। शुक्रवार को दुकानदारों ने दुकान को बंद रखने के बाद शाम को दुकानों को खाली  दिया । आवास विकास की ओर से माइक से अवैध दुकानों को खाली कराने की मुनादी करायी जा रही है। पुलिस व आवास विकास का अमला सैंट्रल मार्केट पहुंचना आरंभ हो गया है। पूरी कार्रवाई की दो ड्रेान से निगरानी की जाएगी । इस दौरान पुलिस फोर्स तैनात रहेगा । 



  सुप्रीम कोर्ट की अवमानाना की कार्रवाई से बचने के लिए आवास से अपनाया सख्त रूख 

 आगामी 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।  अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट पहले ही सेंट्रल मार्केट के अवैध निर्माण को लेकर सख्त रुख अपना चुका है, जिसके आदेशों का पालन किया जा रहा है।सबसे पहले प्लॉट संख्या 661/6 पर बने कॉम्प्लेक्स को गिराया जाएगा, जिसमें 22 दुकानें हैं। इसी कॉम्प्लेक्स को पूरे विवाद की जड़ माना जा रहा है। इस परिसर में करीब 22 मालिकों के खिलाफ हाल ही में मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। इतना ही नहीं इस मामले में आवास विकास की अधीशासी अभियंता आफताब अहमद की ओर से तीन मुकदमे दर्ज कराए गये। पहले मुकदमें में 22 व्यापारी  दूसरे मुकदमे में 45 अधिकारी व कर्मचारी व तीसरे मुकदमे में 22 अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ नौंचदी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। अवैध निर्माण में उक्त अधिकारियों व कर्मचारियों को दोषी माना। तभी से यह माना जाने लगा था  कि सुनवाई से पहले आवास अवैध दुकानों को हर हाल में ध्वस्तीकरण करना चाहता है।



 दुकानदारों से स्वेच्छा से खाली कराना शुरू दुकानों को 

  शुक्रवार को शास्त्री नगर के सैंट्रल मार्केट की  जिन दुकानों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाइ की जानी है। वह बंद रही। दुकानदारों के चेहरे के हांव भाव से साफ दिखाई दे रहा था वह कितने हताश है। दिन भर व्यापारियों की बैठकों का दौर चलता रहा। लेकिन कही से कोई  उम्मीद की किरण दिखाई ने  देने पर शाम को दुकानदारों ने दुकानों से सामाना निकालना आरंभ कर दिया। दुकानों से सामान निकलाते समय दुकानों की आंखों से आंसू निकलते दिखाई दिये। 



ई रिक्शा से किया जाता रहा एनाउंसमैंट 

  अवैध दुकानाें पर ध्वस्तीकरण के आवास ने ई रिक्शा वाहन से एनाउसमेंट कराया कि ध्वस्तीकरण वाली दुकानों को दुकानदार खाली कर दी। इसके बाद जैसे जैसे शाम ढलनी शुरू हुई तो दुकानदाराें ने दुकानों को खाली करना आरंभ कर दिया । इस दौरान नौंचदी पुलिस भी मौजूद रही। 

जिन्होंने दिया आवश्वासन अब काट रहे कन्नी 

  दुकानों को खाली करते दुकानों को दर्द छलक उठा। व्यापारी नेता किशोर वाधवा का कहना था कि जिन जनप्रतिनिधियों ने ध्वस्तीकरण कार्रवाई रूकवाने का आश्ववासन दिया था वह कन्नी काट रहे है। हर और से उन्हें निराशा मिली है। हमनेतो सब ऊपर वाले के हाथ में छोड़ दिया है। 

 ध्वस्तीकरण के लिए मिली फोर्स 

  शास्त्री नगर के सैक्टर दो में अवैध दुकानों के ध्वस्तीकरण की आज यानी शनिवार को होने वाली कार्रवाई  फोर्स की तैनाती की गयी है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया  कारवाई  के दौरान एक कंपनी पीएसी, दो एडिशनल एसपी,  तीन सीओ ,चार इंस्पेक्टर को लगाया गया ।  

 ड्रेान से होगी निगरानी 

  शास्त्री नगर के सैंट्रल मार्केट अवैध दुकानों की ध्वस्तीकरण की कारवाई के लिए  दो ड्रोन से निगरानी की जाएगी। जाे पूरी कार्रवाई को कैमरे में कैंद करेंगे। 


         

 बोले अधिकारी 

  शास्त्री नगर सैंट्रल मार्केट में अवैध दुकानों के आज होने वाले  ध्वस्तीकरण  तैयारी पूरी कर ली गयी है। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले दुकानों के बिजली व पानी के कनेक्शन को पुलिस की मौजूदगी में काटा जाएगा। इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। ध्वस्तीकरण के कार्यदायी संस्था की मशीनों मंगवाया गया है।जो अवैध दुकानों को ध्वस्त करेगी । 

 क्या है मामला 

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामला शास्त्रीनगर स्कीम नंबर 7 में स्थित सेंट्रल मार्केट का यह मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है। कोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को भूखंड संख्या 661/6 पर बने व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स को तीन महीने में खाली कराने और दो सप्ताह में ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 27 अक्टूबर 2025 को होगी।

6379 स्वीकृत अवासीय संपत्तियों में से 860 में संचालित हो रही व्यवसायिक गतिविधियां 

अवैध व्यवसायिक गतिविधियों की स्थिति परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, स्कीम में कुल 6,379 स्वीकृत आवासीय संपत्तियां हैं। इनमें से 860 संपत्तियों पर व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं, जिनमें सर्राफा, डेयरी, रेडीमेड गारमेंट्स और जनरल स्टोर शामिल हैं।

लापरवाही हद 1990  अब तैनात अधिकारियों ने कार्रवाई के नाम पर की खाना पूर्ति 

जांच रिपोर्ट से पता चला कि 1990 से अब तक तैनात अधिकारियों ने खानापूर्ति की और अवैध निर्माणों या व्यवसायिक गतिविधियों की निगरानी नहीं की। इसी आधार पर अधिशासी अभियंता आफताब ने पहले ही विभाग के 45 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिनमें से अब 22 को नामजद किया गया है। कुल मिलाकर 67 अधिकारियों व कर्मचारियों को नामजद किया गया। नामजद अधिकारियों में मुख्य अभियंता एसके वर्मा, एसएन राम और देवेंद्र कुमार शामिल हैं।सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए, परिषद ने भूखंड संख्या 661/6 और 31 अन्य प्रतिष्ठानों की बिजली और पानी काटने के लिए ऊर्जा निगम और नगर निगम को पत्र भेजा। 



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