प्रधानमंत्री ने कौशल दीक्षांत समारोह में किया ऑल इंडिया आईटीआई टॉपर्स का सम्मान
मेरठ। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कौशल दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशभर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के 46 ऑल इंडिया टॉपर्स को सम्मानित किया। यह राष्ट्रीय कौशल दीक्षांत समारोह का चौथा संस्करण था।
कौशल दीक्षांत समारोह एक ऐसी अनूठी पहल है, जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में इस उद्देश्य से की गई थी कि कौशल विकास को युवाओं के लिए एक आकर्षक और प्रेरणादायी लक्ष्य बनाया जा सके। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक ऐतिहासिक पहल पीएम-सेतु (प्रधानमंत्री स्किलिंग एंड एम्प्लॉयबिलिटी ट्रांसफॉर्मेशन थ्रू अपग्रेडेड आईटीआईज) योजना का शुभारंभ किया। यह 60,000 करोड़ की केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसका उद्देश्य देशभर के 1,000 सरकारी आईटीआई को आधुनिक, उद्योगोन्मुख प्रशिक्षण संस्थानों में परिवर्तित करना है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की कुशल कार्यबल तैयार करने में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “आईटीआई न केवल औद्योगिक शिक्षा के प्रमुख संस्थान हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की वर्कशॉप भी हैं।” प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि ये संस्थान लाखों युवा भारतीयों को व्यावहारिक ज्ञान और रोजगारोन्मुख कौशल प्रदान कर रहे हैं, जिससे वे देश की अर्थव्यवस्था में आत्मविश्वासी योगदानकर्ता बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी जोर देकर कहा कि जैसे-जैसे भारत कौशल-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, आईटीआई इस परिवर्तन की मजबूत आधारशिला बने रहेंगे, जो युवाओं को तेजी से बदलते ग्लोबल मार्केट में सफल होने के लिए आवश्यक टूल्स और ट्रेनिंग प्रदान करेंगे।
इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने कहा, “आज प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं को एक स्पष्ट संदेश दिया है- अपने कौशल पर ध्यान दें, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करें और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहें। ग्यारह वर्ष पहले जब उन्होंने कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की स्थापना की थी, तब उन्होंने विकसित भारत की एक मजबूत नींव रखी थी। कौशल दीक्षांत समारोह, पीएम-सेतु और श्स्किल लैब्स जैसी पहलों के माध्यम से हम उस विजन को आगे बढ़ा रहे हैं, जिससे हर युवा भारतीय आत्मनिर्भर, सक्षम और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सके।”
पीएम-सेतु योजना हब-एंड-स्पोक मॉडल का अनुसरण करेगी, जिसमें 200 हब आईटीआई को 800 स्पोक आईटीआई से जोड़ा जाएगा। प्रत्येक हब को एडवांस्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर, इनोवेशन और इनक्यूबेशन सेन्टर, प्रोडक्शन यूनिट, ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स की सुविधाओं और प्लेसमेंट सेवाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जबकि स्पोक संस्थान प्रशिक्षण की पहुंच और विस्तार को सुनिश्चित करेंगे। यह योजना निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करेगीरू
पीएम-सेतु के पहले चरण के अंतर्गत देशभर में विभिन्न क्षेत्रों और इन्डस्ट्रियल ईकोसिस्टम को ध्यान में रखते हुए 15 हब-एंड-स्पोक आईटीआई क्लस्टरों की पहचान की गई है। ये क्लस्टर निम्नलिखित स्थानों में स्थित हैंरू सोनीपत (हरियाणा), विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश), बिजनौर और मेरठ (उत्तर प्रदेश), हरिद्वार (उत्तराखंड), उज्जैन (मध्य प्रदेश), बेंगलुरु अर्बन (कर्नाटक), भरतपुर (राजस्थान), दरभंगा और पटना (बिहार), होशियारपुर (पंजाब), हैदराबाद (तेलंगाना), संबलपुर (ओडिशा), चेन्नई (तमिलनाडु), और गुवाहाटी (असम)।
प्रत्येक क्लस्टर को कौशल के क्षेत्र में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसे एडवांस्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर, माडर्न ट्रेड्स और उद्योग-प्रेरित प्रशिक्षण से सुसज्जित किया जाएगा। ये क्लस्टर मॉडल ईकोसिस्टम के रूप में कार्य करेंगे, जिन्हें देशभर में दोहराया जा सकेगा।
विद्यालयी शिक्षा में एक परिवर्तनकारी कदम जोड़ते हुए, प्रधानमंत्री ने देश के 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में स्थापित 1,200 वोकेशनल स्किल लैब्स का वर्चुअल रूप से उद्घाटन किया।
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