हमें साइबर सिक्योर इंडिया बनाना है- एडीजी 

 साइबर सिक्याेरिटी इन प्रजेन्ट सिनेरिया पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 

 मेरठ । गुरूवार को आरजी पी जी कालेज में  मिशन शक्ति फेज 5.0 के अंतर्गत साइबर सिक्याेरिटी इन प्रजेन्ट सिनेरिया पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यशाला में करीब चार सौ छात्राओं ने भाग लिया।  कार्यशाला में एडीजी जोन भानु भाष्कर ने छात्राओं को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया। 

मुख्य अतिथि के रूप में  एडीजी मेरठ जोन भानु भास्कर व डीआईजी  कलानिधि नैथानी, जिलाधिकारी  वी. के. सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन टाडा, तथा साइबर विशेषज्ञ डॉ. रक्षित टंडन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ  महाविद्यालय गान व दीप प्रज्वलन से हुआ। 

एडीजी भानु भास्कर ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि “मिशन शक्ति फेज 5.0 के अंतर्गत साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हम तीन प्रमुख उद्देश्यों पर कार्य कर रहे हैं— पहला, साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाना; दूसरा, डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग जैसी प्रवृत्तियों पर रोक लगाना; और तीसरा, ओटीपी शेयरिंग एवं साइबर बुलिंग जैसे अपराधों को समाप्त करना।” उन्होंने कहा कि आज साइबर अपराध केवल आर्थिक क्षति नहीं पहुँचा रहे, बल्कि मानसिक और सामाजिक हानि का भी कारण बन रहे हैं। साइबर बुलिंग के कारण आत्महत्याओं तक की घटनाएँ सामने आ रही हैं, जो अत्यंत चिंताजनक हैं। उन्होंने महिला हेल्पलाइन नंबर 1076 की जानकारी देते हुए बताया कि यह नंबर सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा है और किसी भी प्रकार की शिकायत तुरंत दर्ज की जा सकती है। उन्होंने आगे कहा, “हमें साइबर सिक्योर इंडिया बनाना है, जहाँ समाज, संस्कृति और व्यवसाय सभी स्तरों पर डिजिटल सुरक्षा कायम रहे।”



प्रख्यात साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. रक्षित टंडन ने तकनीकी सत्र में छात्राओं को साइबर अपराधों की वर्तमान स्थिति, उनके नवीनतम तरीकों और उनसे बचाव के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में साइबर अपराधों के कारण लगभग ₹22,845 करोड़ का नुकसान दर्ज किया गया है। डॉ. टंडन ने बताया कि साइबर अपराधी सबसे अधिक महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बनाते हैं। उनके प्रमुख हमले डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम, फर्जी इन्विटेशन लिंक और apk फाइल के माध्यम से होते हैं। उन्होंने फिशिंग, वॉलेट फ्रॉड, कॉल फॉरवर्डिंग अटैक, ट्रस्टेड कॉन्टैक्ट अटैक, पासवर्ड लीक, और सोशल मीडिया से संबंधित सभी खतरों पर विस्तार से चर्चा की। वे  बताते हैं कि हमें सुरक्षित रहने के लिए कुछ सावधानियाँ अनिवार्य रूप से बरतनी चाहिए। जिसमें वायरस टोटल डॉट काम् से किसी भी संदिग्ध लिंक या फाइल को जांचें।  Have I Been Pwned (www.haveibeenpwned.com) पर जाकर यह देखें कि आपका ईमेल या पासवर्ड किसी डेटा ब्रीच में तो लीक नहीं हुआ है।पासवर्ड नियमित रूप से बदलें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) अवश्य सक्षम करें।  किसी भी संदिग्ध वेबसाइट से सावधान रहें — सरकारी वेबसाइट हमेशा “.gov.in” पर समाप्त होती हैं, जैसे-grievanceofficer.gov.in, sancharsathi.gov.in आदि।फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी तकनीकी या सुरक्षा संबंधी समस्या हेतु india@support.facebook.com पर संपर्क करें। डॉ. टंडन ने कहा, “टेक्नोलॉजी को हमें हीरो की तरह उपयोग करना चाहिए।” उन्होंने सभी छात्राओं को डिजिटली  जागरूक  बनने का आह्वान किया।

कार्यक्रम का संचालन प्रो कल्पना चौधरी  द्वारा किया गया l विभागीय प्रॉक्टर में प्रो अनुराधा, प्रो अपर्णा ,डॉ निरू बात्रा, डॉ शीतल पांडे ,डॉ चित्रांशी, डॉ मंजू सिंह ,डॉ अंजुला राजवंशी , मिस अनामिका ,डॉ शैल  वर्मा, श्रीमती बिन्नी कांतीवाल, मिस ज्योति आदि  शामिल रहे।


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